जयपुर. राजस्थान में पहली बार अपराधियों के खिलाफ राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। जिसके तहत राजस्थान के बेहद चर्चित सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी के घर अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया गया है। आरोपियों की पत्नी ने इस मामले में कोर्ट से अपील की थी लेकिन कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण के मुख्य आरोपी भूपेंद्र सारण के रजनी विहार स्थित मकान पर जेडीए का पीला पंजा (जेसीबी) चला।
अवैध निर्माण ढहाया
जेडीए ने कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार शाम 4:20 बजे कार्रवाई शुरू की। करीब डेढ़ घंटे चली कार्रवाई में अवैध निर्माण का 20 फीसदी हिस्सा ढहा दिया गया। शनिवार को मकान की तीसरी और चौथी मंजिल सहित अन्य अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाएगा। कोर्ट से आदेश मिलने के 24 मिनट बाद ही जेडीए ने मकान के अवैध हिस्से को ढहाना शुरू कर दिया।
पत्नी ने की थी अपील
इससे पहले सुबह जेडीए अपीलीय अधिकरण में जेडीए ने अपना जवाब पेश किया, जिसमें कहा कि कार्रवाई पूरी तरह से विधिक प्रक्रिया को अपनाकर की जा रही है। वहीं, याचिकाकर्ता भूपेंद्र की पत्नी एलची सारण और गोपाल की पत्नी इन्दुबाला व गोपाल की अपील पर सुनवाई हुई। जिसमें अपीलार्थियों ने कहा कि उनको गलत तरीके से नोटिस दिया गया है। राजनीति के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में उनके नोटिस को निरस्त करते हुए कार्रवाई पर रोक लगाई जानी चाहिए। यदि निर्माण नियमन योग्य नहीं है, तो उसे हटाने के लिए तीन माह का समय दिया जाए।
कोर्ट ने अपीलों को कर दिया खारिज
सुनवाई पूरी होने के करीब चार घंटे बाद कोर्ट ने अपीलों को खारिज करते हुए कहा कि जेडीए अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। जेडीए ने पक्ष मजबूती से रखने के लिए अधिवक्ता अमित कुड़ी, जे.पी. गुर्जर और युवराज सावंत को नियुक्त किया था।