अनिल सक्सेना, रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में रेत खदानों की नीलामी के बाद कागजी कार्रवाई ओर पर्यावरण विभाग की NOC नहीं मिलने के बाद भी जिले के उदयपुरा ओर बरेली क्षेत्र की नर्मदा खदानों से अवैध खनन एवं परिवहन लगातार किया जा रहा है। बार बार शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने सख्त रवैया अपनाया है।
दरअसल, लागतार शिकायत मिलने के बाद अब रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे ने सख्त रवैया अपनाते हुए रायसेन के जिला खनिज अधिकारी आरके कैथल सहित सहायक खनिज अधिकारी और खनिज निरीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन में स्पष्टीकरण मांगा हैं। जिले की 56 रेत खदानों की नीलामी शासन स्तर पर होने के 4 महीने बाद भी रेत ठेकेदार ने रॉयल्टी की प्रक्रिया पूरी किए बिना ही कुछ खदानों से रेत उत्खनन का कार्य शुरू कर दिया था। जिसकी शिकायत जिला प्रशासन को मिलने के बाद भी खनिज विभाग ठेकेदार के इशारे पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था।
रेत खदानों से अवैध खनन और परिवहन होने की जानकारी संज्ञान में आने पर कलेक्टर दुबे ने जिला खनिज अधिकारी आरके कैथल सहित संबंधित अधिकारियों को निरंतर जांच कर अवैध खनन एवं परिवहन पर रोक लगाते हुए इस कार्य में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध विधिवत कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिस पर जिला खनिज अधिकारी द्वारा क्षेत्र में किसी भी तरह के अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन नहीं होने की जानकारी दी गई थी।
इसके उपरांत भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं समाचार पत्रों से अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन की जानकारी संज्ञान में आना संबंधितों द्वारा शासकीय कर्तव्य के प्रति उदासीनता और गंभीर लापरवाही को प्रदर्शित करता है। इसके साथ ही वरिष्ठ के आदेशों की अवहेलना की श्रेणी में होकर अनुशासनहीनता का परिचाक है। जो कि मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम का स्पष्ट उल्लंघन है। अब नोटिस जारी करते हुए तीन दिवस में उत्तर देने के निर्देश दिए गए हैं।
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