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समीर शेख, बड़वानी। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में अवैध रेत खनन करने वालों के हौसले इतने बुलन्द है,कि वो पोकलेन मशीन जेसीबी मशीन जैसी बड़ी बड़ी मशीनों का बेख़ौफ़ उपयोग कर ट्रक,ट्राला,ट्रैक्टर के माध्यम से बेख़ौफ़ परिवहन कर रहे है। लेकिन दिखावे के लिए प्रशासन थोड़ी बहुत कार्रवाई कर देता है,और स्थिति जैसी की वैसी बनी रहती है। मशीनों से खुदाई कर सड़क पर खुलेआम रेत का परिवहन करने वालों को देख कर अंदाज लगाया जा सकता है की ये बगैर रणनीतिक आशीर्वाद या प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव नही है l
नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर ने बताया कि उच्च न्यायालय के 2015 एनजीटी भोपाल के 2017 एनजीटी दिल्ली के 2013 में दिए निर्देश का पूरा उलंघन चल रहा है। एनबीए ने हर एसपी कलेक्टर जो प्रतिवादी रहे है, जबलपुर हाई कोर्ट के केस में उन्हें लीगल नोटिस भी जारी किए है, बावजूद अवैध रेत खनन का कारोबार जारी है। जबकि कोई भी रेत खदान वैध नही है बगैर वैधता के भी रेत का अवैध कारोबार जारी है l
छोटा बड़दा निवासी कमला यादव ने बताया कि नर्मदा के दोनों किनारे अवैध रूप से रेत उत्खनन हो रहा है, इससे पानी का स्त्रोत भी कम हो रहा है और पानी भी गंदा हो रहा है l जमीनें खोखली हो रही है l नर्मदा पट्टी में जो अवैध खनन हो रहा है इस पर रोक लगनी चाहिए l इस मामले में प्रशासन से बात करना चाही तो कोई भी इस मामले में कुछ भी कहने से बचता नजर आ रहा है, या ये कंहे की अवैध रेत खनन मामले पर प्रशासन पूरी तरह मौन है l
वहीं इसी तरह अवैध खनन की तस्वीरें सेंधवा के चाचरिया गांव के गोई नदी में भी देखने को मिली, जहां पर जेसीबी द्वारा काली रेत का खनन किया जा रहा है। वहीं इस पूरे मामले पर सेंधवा नायब तहसीलदार राहुल सोलंकी ने कहा कि नदियों में खनन करना अवैध है, मामले की जांच की जाएगी, और जो भी अवैध खनन करता पाया जाता है उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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