आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। राज्य सरकार ने आगामी 16 अक्टूबर तक रेत उत्खनन कार्य पर रोक लगाया है. इसके बावजूद बस्तर जिले के बोरगांव और बजावंड इलाके में रेत माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से अवैध उत्खनन किया जा रहा है. इंद्रावती नदी तट से लगे इलाके में नियम के विरुद्ध पोकलेन मशीन लगाया गया है. साथ ही टिप्पर वाहनों में लोडिंग कर शासन के बिना पिट पास के शहरों में बेची जा रही है. और यह काम प्रशासन के नाक के नीचे धड़ल्ले से हो रही है.

बताया जा रहा है कि बोरगांव में रेत माफिया हेमंत पानीग्राही के द्वारा अवैध रूप से खदान चलाया जा रहा है उसके द्वारा पॉकलेन मशीन लगाकर उत्खनन किया जा रहा है प्रशासन को इसकी जानकारी होने के बावजूद भी इन रेत माफियाओं पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. लल्लूराम की टीम जब मौके पर पहुंची तो तो यहां पोकलेन मशीन से उत्खनन कर टिप्पर वाहनों में लोडिंग किया जा रहा था. टिप्पर के ड्राइवरों ने बताया कि उन्हें रेत परिवहन को लेकर कोई पिट पास नहीं दिया जाता और ना ही कोई रोक टोक किया जाता है. आलम यह है कि सुबह 5 बजे से ही रेत माफियाओं का खेल शुरू हो जाता है और यह खेल शाम तक चलता है.

दिन में 50 से 60 ट्रिप टिप्पर वाहनों से रेत का परिवहन किया जाता है, जिससे शासन को लाखों का नुकसान हो रहा है. साथ ही चंद पैसों में पंचायत के प्रतिनिधि भी बरसात के समय भी नदी का दोहन करने खुलेआम इन्हें अनुमति देते हैं.

गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने रेत उत्खनन के लिए अब तक किसी को कोई आदेश जारी नहीं किया है. इसके बावजूद बकावण्ड क्षेत्र के बोरगांव और बजावंड इलाके में रेत माफियाओं द्वारा हर रोज धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है और शासन रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें सरंक्षण देने में लगी हुई है.

इस मामले में जिले के सहायक खनिज अधिकारी का कहना है कि विभाग द्वारा टीम बनाकर अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाने लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. और कुछ टिप्पर वाहनों को भी जप्त किया गया था, वही उन्होंने रेत माफियाओ पर भी जल्द से जल्द कार्यवाही करने की बात कही है.