अकलतरा. वैज्ञानिक जागरूकता के विकास से समाज में व्याप्त विभिन्न अंधविश्वासों व कुरीतियों का निर्मूलन संभव है. व्यक्ति को अपनी असफलता का दोष ग्रह-नक्षत्रों पर थोपने की बजाय स्वयं की खामियों पर विश्लेषण करना चाहिए. आजकल पुष्य नक्षत्र के नाम पर काफी भ्रम फैलाया जा रहा है, जबकि विभिन्न ग्रह, उपग्रह, नक्षत्र, तारे खगोलीय पिण्ड हैं, जिनका किसी के दैनिक क्रियाकलाप, लाभ-हानि, खरीदी बिक्री से कोई संबंध नही है.
उक्त विचार अकलतरा के मुरलीडीह में गुरु घासीदास सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित सभा में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने व्यक्त किये. सभा के पूर्व अकलतरा से मुरलीडीह तक अंधविश्वास के विरोध में रैली निकाली गयी. आयोजित समारोह में डॉ मिश्र का अभिनंदन किया गया साथ ही अंधविश्वास विरोधी वीर योद्धा की उपाधि से भी उन्हें सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण और विभिन्न संस्था से आये कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए डॉ. मिश्र ने कहा कि आमजन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास अतिआवश्यक है. किसी भी व्यक्ति को बचपन से ही अक्षर ज्ञान के साथ सामाजिक अंधविश्वासों व कुरीतियों के संबंध में सचेत किया जाना चाहिए. हमारे देश के विशाल स्वरूप में अनेक जाति, धर्म के लोग है. जिनकी परंपराएँ व आस्था भी भिन्न-भिन्न है. लेकिन धीरे-धीरे कुछ परंपराएँ, अंधविश्वासों के रूप में बदल गई है, जिनके कारण आम लोगों को न केवल शारीरिक व मानसिक प्रताडऩा से गुजरना पड़ता है बल्कि ठगी का शिकार भी होना पड़ता है.
आमतौर पर अंधविश्वासों के कारण होने वाली घटनाओं की शिकार महिलाएँ ही होती है। अपनी सरल प्रवृत्ति के कारण से सहज ही चमत्कारिक दिखाई देने वाली घटनाओं व अफवाहों पर विश्वास कर लेती है व ठगी व प्रताडऩा की शिकार होती है जिससे भगवान दिखाने के नाम पर रूपये, गहने दुगुना करने के नाम पर ठगी की जाती है।व्याख्यान के बाद तथाकथित चमत्कारों का वैज्ञानिक प्रदर्शन भी किया गया.