रायपुर. भिलाई और कोरबा में डॉक्टरों से हुई मारपीट के विरोध में आईएमए ने 30 जनवरी को तमाम निजी क्लीनिक की ओपीडी को बंद रखने का आह्वान किया है. इसके साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन की मांग की है.

आईएमए एक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉ. महेश सिन्हा, हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, आईएमए रायपुर के अध्यक्ष डॉ. अनिल जैन व सचिव डॉ. आशा जैन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आवेदन सौंप कहा कि कुछ वर्षों से शासकीय एवं गैर शासकीय अस्पतालों में तोड़-फोड़ की वारदात होने के साथ-साथ सोशल मीडिया में भी चिकित्सकों एवं अस्पतालों के विरुद्ध दुष्प्रचार एवं घृणातमक कार्यवाही की घटनाओं में वृद्धि हुई है.

आईएमए ने इस संबंध में शिकायत किए जाने के बाद भी अराजक तत्वों पर कार्रवाई नहीं होने से चिकित्सा जगत में बन रहे भय का माहौल पर चिंता जताई है. पदाधिकारियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट प्रभावी है, जिसके अनुसार इन अपराधों को गैर जमानतीय माना गया है. लेकिन इसका उपयोग एवं क्रियान्वयन नहीं होने से घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही हैं.

आईएमए ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए इस संबंध में संबंधित विभागों को निर्देश जारी करे, जिससे इन घटनाओं की पुनरावृति रोकी जा सके. इसके अलावा एक्ट में सोशल मीडिया में दुष्प्रचार एवं घृणात्मक कार्यवाही पर भी समुचित धारा का प्रावधान लगाकर रोक लगाने की बात कही है.

इसे भी पढ़िए : प्रदेश में सभी निजी अस्पतालों के ओपीडी बंद, मरीज भटकने को मजबूर, सरकारी अस्पताल शाम तक खुले रहेंगे