नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने केंद्र सरकार के उस बयान पर नाराजगी जताई है जिसमें केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि उसके पास कोरोना के चलते जान गंवाने वालों या इस वायरस से संक्रमित होने वाले डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ का डाटा नहीं है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पूरे देश में अब तक 382 डॉक्टरों की जान गई. इनमें 27 से 85 साल की उम्र के डॉक्टर शामिल हैं. इन कोरोना वॉरियर्स को सरकार शहीद का दर्ज दे.
एसोसिएशन ने आगे कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि पब्लिक हेल्थ और हॉस्पिटल राज्यों के तहत आते हैं. इसलिए इंश्योरेंस कंपनसेशन का डाटा केंद्र सरकार के पास नहीं है. यह कर्तव्य का त्याग और राष्ट्रीय नायकों का अपमान है जो अपने लोगों के साथ खड़े रहे. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने उन 382 डॉक्टर की लिस्ट जारी की जिनकी जान कोरोना के चलते गई.
आईएमए ने रखी है ये 4 मुख्य मांगें
- सरकार कोरोना से मारे गए डॉक्टर्स को शहीद का दर्जा दे.
- देश की सरकार इनके परिवार को सांत्वना और मुआवजा दे.
- सरकार नर्सों व अन्य हेल्थ केयर वर्कर प्रतिनिधि से भी ऐसा डेटा ले.
- प्रधानमंत्री उचित समझें तो हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को बुलाएं और उनकी चिंताएं समझें और सुझाव लें.