रायपुर। धमतरी के डॉ रमेश खंडेलवाल की एक्स-रे एवं सोनोग्राफी क्लिनिक के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर प्रदेश भर के डॉक्टरों में रोष है. आईएमए का आरोप है कि डॉ खंडेलवाल से 1 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है और उन्हें पैसे की जो रसीद दी गई है वो जुर्माने की जगह दान की है. ़कार्रवाई के बाद जब डॉक्टर अपनी क्लिनिक बंद करने लगे तो अधिकारियों ने जुर्माना वसूलने के बाद और पांच लोगों का अल्ट्रासाउंड करवाया कि वे लोग अपने-अपने जिला स्थानों से पास बनवा कर आए थे और अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट वापस आकर दिखाने की बाध्यता लिखी गई थी.
उन्हें नर्सिंग होम एक्ट के अंतर्गत एस्मा लगाने और क्लीनिक सील करने की भी धमकी दी गई और यह भी कहा गया कि सड़क में खड़े हुए मरीजों की जिम्मेदारी भी आपकी ही है जबकि क्लीनिक के अंदर बैठे हुए सभी मरीजों को मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करवाया जा रहा था, इसकी निगरानी कैमरे में खुद अपने चेंबर में बैठे डॉक्टर रमेश खंडेलवाल कर रहे थे.
हॉस्पिटल बोर्ड के चेयरमैन डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि 10 दिन पहले सभी क्लिनिक और अस्पताल खोले जाने का निर्देश दिया गया था और जिन डॉक्टरों ने अपनी क्लिनिक नहीं खोली, उन्हें कार्रवाई की चेतावनी दी गई. 13 तारीख को आईएमए के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात कर उन्हें कोरोना संक्रमण की गाइडज लाइन के पालन में व्यावहारिक दिक्कतों के बार में जानकारी दी थी.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने सामान्य की तरह अस्पताल और ओपीडी चलाने को कहा है. बड़े डॉक्टरों के यहां सामान्यतः 100 से अधिक मरीज प्रतिदिन देखे जाते हैं इसमें से ज्यादातर मरीज दोपहर से पहले पहुंचते हैं और हर मरीज के साथ अटेंडेंट भी आते हैं. क्लीनिक में इतनी जगह नहीं होती कि मरीजों को दूर-दूर बैठाया जाए. जिससे वो अस्पताल के बाहर भीड़ बढ़ाकर खड़े रहते हैं. सामान्य की तरह अस्पताल और क्लीनिक चलाने के लिए अभी समय है. स्वास्थ्य मंत्री और राज्य शासन के अधिकारियों हमने कहा है कि सामान्य की तरह अस्पताल चलाने में कोरोना वायरस एक भी अस्पताल में आने से अस्पताल सुपर स्प्रेडर का काम करने लगेंगे. ऐसे में अस्पताल चलाना और मरीजों की संख्या अस्पताल के डॉक्टर के विवेक पर छोड़ दी जाए. जुर्माना करने से संशय और प्रतिरोध बढ़ेगा.
उऩ्होंने कहा कि डॉ रमेश खंडेलवाल पिछले 31 साल से धमतरी में अल्ट्रासाउंड की प्रैक्टिस कर रहे हैं. प्रशासन ने मीडिया को बताया है कि 1 लाख रुपये का अर्थदंड वसूला गया है लेकिन उन्हें जो रसीद दी गई है वह दान की है. उन पर की गई कार्रवाई से यह मैसेज अच्छा नहीं गया. हम ज्यादा भयदोहन नहीं सहेंगे, हमने स्वास्थ्य मंत्री और राज्य शासन के अधिकारियों को इसकी जानकारी दिये हैं. हम इस तरह के भयदोहन के खिलाफ विरोध करेंगे.
वहीं आईएमए के डॉ महेश सिन्हा ने कहा कि हम पहले ही स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर अपनी बात रख चुके हैं. सुरक्षा उपकरण नहीं है, मरीजों की सुरक्षा का भी सवाल है. छोटी-छोटी क्लिनिक है, हम इलाज कर रहे हैं. मरीज को फोन कर बुला रहे हैं,.क्लिनिक के बाहर भीड़ अगर इकट्ठा हो रही है तो हम उसे कैसे रोकेंगे. डॉ खंडेलवाल क्लिनिक के ऊपर जो कार्रवाई हो रही है. हम उसका विरोध दर्ज कराएंगे. 1 लाख का दान नहीं लिया जाता. उनका पैसा वापस करना चाहिए. ऐसी परिस्थितियों में काम कैसे करेंगे. अगर निराकरण नहीं होगा तो आगे हम देखेंगे.
आपको बता दें धमतरी में डॉ रमेश खंडेलवाल की एक्स-रे एवं सोनोग्राफी क्लिनिक के बाहर भीड़ जमा होने पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 1 लाख रुपये का जुर्माना वसूला और उन्हें दान की रसीद थमा दी.
उधर इस मामले में प्रशासन का पक्ष जानने के लिए कलेक्टर रजत बंसल को फोन लगाया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.