4 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर पंजाब में होने वाले नगर निगम चुनाव पर भी देखने को मिल सकता है क्योंकि पंजाब के 5 नगर निगमों का कार्यकाल जनवरी से लेकर अप्रैल के बीच पूरा हो चुका है। यहां तक नए सिरे से नगर निगम चुनाव करवाने का सवाल है, उसके लिए पहले वार्डबंदी में बदलाव करने के नाम पर काफी समय निकाल दिया गया।

इसके बाद भले ही पंजाब सरकार द्वारा नगर निगमों का कार्यकाल पूरा होने के 6 महीने के अंदर नए सिरे से चुनाव करवाने के तकनीकी पहलू के मद्देनजर 15 नवम्बर तक नगर निगम चुनाव करवाने के लिए सिफारिश भेज दी गई थी लेकिन यह डैडलाइन नई वोटर लिस्ट फाइनल होने से पहले खत्म हो गई है जिसके बाद कभी दिसम्बर तो कभी जनवरी में नगर निगम चुनाव करवाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

अब 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पंजाब सरकार को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा क्योंकि कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी का सूपड़ा भी साफ हो गया है। इस दौर में मजबूत हुई भाजपा के साथ शहरी इलाकों में होने वाले नगर निगम चुनाव में मुकाबला करने का रिस्क आम आदमी पार्टी फिलहाल नहीं ले सकती ऐसे में सरकार द्वारा नगर निगम चुनाव करवाने के लिए अनुकूल राजनीतिक माहौल का इंतजार किया जाएगा।