प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन को महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता है. लगभग सौ साल से भी पहले इस दिन जिले में खप्पर निकालने की परंपरा चली आ रही है. शहर के चंडी मंदिर, दंतेश्वरी मंदिर व परमेश्वरी मंदिर से खप्पर निकालने की वर्षों पुरानी पंरपरा इस बार कोरोना वायरस की वजह से टूट गई. यही नहीं ऐसा पहली बार हो रहा है कि नवरात्रि में शहर के सभी मंदिरों में सन्नाटा पसरा हुआ है.

खप्पर निकालने का एक मुख्य कारण शहर को प्राकृतिक आपदा से बचाने तथा महामारी के प्रवेश से बजाना है. लेकिन इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए लॉकडाउन लागू है, जिससे परंपरा टूट गई है.

खप्पर देखने के लिए कबीरधाम सहित अन्य जिलों से एक लाख से अधिक की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. लेकिन वर्ष स्थिति अलग ही नजर आ रही है. धारा 144 लागू होने की वजह से जिला प्रशासन मंदिर समितियों को खप्पर निकालने की अनुमति नहीं दी. लेकिन मंदिर के भीतर ही विधि-विधान से आयोजन की सहमति दी गई है.