कर्ण मिश्रा, ग्वालियर. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. (LNIPE) में खराब खाना परोसने से बच्चों की तबीयत खराब होने के बाद मेस वार्डन और मेस सुपरवाइजर पर बड़ी कार्रवाई की गई है. लल्लूराम डॉट कॉम ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

बता दें कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एशिया की सबसे बड़ी खेल यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान (LNIPE) में मेस का खाना खाकर अस्पताल पहुंच गए थे. इस घटना के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया और आज खेल मंत्रालय का दल जांच के लिए एलएनआईपीई पहुंचा. जांच के बाद मेस वार्डन और मेस सुपरवाइजर पर बड़ी कार्रवाई की गई है. मेस वार्डन की जिम्मेदारी से डॉ राहुल कन्नौजिया, असिस्टेंट प्रोफेसर को हटा दिया गया है. मेस सुपरवाइजर राजीव रंजन की भी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. 

5 लाख रुपए दो केस रफा-दफा हो जाएगा: ढाई लाख में हुआ सौदा, कमिश्नर के पास पहुंची पुलिसकर्मी की शिकायत   

एसोसिएट प्रोफेसर वीरेंद्र झांझरिया को मेस वार्डन की जिम्मेदारी दी गयी है. मेस व्यवस्था को मजबूती देने के लिए मेस वार्डन के अंर्तगत दो सहायक मेस वार्डन की नियुक्ति भी कर दी गई है. सचिन गुप्ता और नीरज यादव को सहायक मेस वार्डन बनाया गया है. संस्थान ने फूड पॉइजनिंग मामले की जांच के लिए 7 सदस्यीय दल भी बना दिया है. खेल मंत्रालय, दो सदस्यीय जांच दल के साथ को-ऑर्डिनेट कर मामले की जांच करेगा. जांच के बाद और भी कई अन्य लोगो पर गाज गिरी सकती है. 

आयुर्वेद कॉलेज में छात्रों की तालाबंदी: गेट के अंदर फंसे लोग, मरीज हैरान परिजन परेशान

क्या है पूरा मामला? 

मंगलवार यानी 3 अक्टूबर देर की रात डिनर में एलएनआईपीई के सभी बच्चों ने पनीर की सब्जी खाई थी. इसके बाद जब उन्होंने चावल खाए तो इसका स्वाद ठीक नहीं लगा. वहीं कुछ देर बाद ही छात्रों के पेट में तकलीफ होने लगी. सुबह तक कई छात्र छात्राओं को बुखार, पेट दर्द और दस्त की शिकायत होने लगी. एक-एक कर तकरीबन 100 बच्चों की तबीयत खराब होने लगी. जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में 1000 बिस्तर वाले अस्पताल में भर्ती कराया गया.

CM Shivraj in Shahdol: भरी महफिल में सीएम शिवराज को इस शख्स ने बोल दिया I Love You; फिर मुख्यमंत्री ने दिया ये जवाब…

पहली कमेटी ने आज शाम को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है वहीं दूसरी कमेटी को दस दिन का समय दिया गया है. आपको बता दें कि छात्र छात्राओं का इलाज जयारोग्य अस्पताल समूह के एक हजार बिस्तर के अस्पताल में चल रहा है.