आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का फिर से बड़ा असर हुआ है. किसानों को सिंचाई करने के लिए कोसारटेडा डैम से विभाग ने 6.00 क्युमेक पानी छोड़ा है. अबतक 11 गांव के लिए पानी खोला गया है. सिंचाई के लिए पानी मिलने के बाद किसानों में खुशी का माहौल है.


बता दें कि पानी की कमी से सिंचाई नहीं कर पाने से 22 गांव के परेशान किसानों ने सरकार से मांग की थी कि या तो उन्हें पानी दिया जाए या फिर उनका कर्ज माफ किया जाए. लल्लूराम डॉट कॉम ने इस पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, जिसका आज बड़ा असर हुआ है.


दरअसल, भाजपा शासनकाल में किसानों की सिंचाई समस्या को दूर करने के लिए कोसारटेडा सिंचाई परियोजना शुरू की गई थी. यह परियोजना 22 गांवों के 7360 हेक्टेयर कृषि भूमि को पानी उपलब्ध कराती थी. पिछले 14 वर्षों से किसान इसी पानी पर निर्भर रहकर धान और मक्का की खेती करते आए हैं. लेकिन इस वर्ष स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल सका था. किसानों ने 15 दिन पहले जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप को ज्ञापन सौंपकर कोसाड़टेड़ा से पानी छोड़ने की मांग की थी, लेकिन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था. सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना था कि कोसारटेडा बांध में मात्र 5% पानी शेष है, जो किसानों तक नहीं पहुंच सकता. वहीं किसानों ने आरोप लगाया था कि इस वर्ष बांध में 10% अधिक पानी जमा हुआ था और अधिकारियों ने फसल लगाने की अनुमति दी थी. लेकिन बाद में किसानों के हिस्से का पानी चित्रकोट जलप्रपात को सुंदर बनाने के लिए छोड़ दिया गया.
परेशान किसानों ने प्रशासन के सामने दो विकल्प रख थे, या तो उन्हें पानी दिया जाए या फिर उनका कर्ज माफ किया जाए. अगर पानी नहीं छोड़ा जाता, तो किसान राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने को मजबूर होंगे.
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