विक्रम मिश्र, प्रयागराज. महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) को लेकर पूरे देश में धूम है. करोड़ों की संख्या में जुटने वाले श्रद्धालुओं के साथ महंत, पंडा, साधु-संतों के साथ व्यपारियों में भी उत्साह है. क्योंकि कुंभ महज आस्था का केंद्र नहीं बल्कि अर्थ का भी केंद्र बनेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां साधु-संत और श्रद्धालुओं का तांता तो लगता ही है, इनमें सभी ग्राहक की भूमिका भी होते हैं. मेला क्षेत्र में रहने वाले साधु-सन्यासी, दूर-दूर से आने वाले तीर्थ यात्री यहां की व्यापारिक गतिविधियों को गति देते हैं. इसी क्रम में प्रयागराज के बड़े रसद व्यापारी राशिद हैदरी ने लल्लूराम डॉट कॉम से बात की.

व्यापारी ने बताया कि पिछली बार के अर्ध कुम्भ में उनका व्यापार बहुत अच्छा हुआ था. उनके मुताबिक जब कुम्भ शुरू होता है तो मेला परिक्षेत्र के व्यापारियों के साथ अखाड़ों में आये संत रसद का सामान जैसे चावल, तेल, मैदा, आटा इत्यादि स्थानीय बाजारों से ही ले जाते हैं. जिससे कि व्यपारियों के जीवन में भी खुशहाली आती है.

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वहीं व्यापारियों की एक बड़ी समस्या बताते हुए रशिद हैदरी ने कहा कि कुंभ की वजह से नोट एंट्री कर दी गई है. जिससे व्यापारियों को माल मंगवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिन गाड़ियों में सामान आता है उन गाड़ियों को रोक लिया जाता है. उन्होंने बताया कि इसके लिए हर रोज टोकन कटता है, लेकिन टोकन होने के बाद भी ट्रक चालकों को परेशान किया जाता है. जिसका असर व्यापार में भी पड़ता है.