सतीश दुबे, डबरा। डबरा में लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का असर देखने को मिला है। कल्याणी गांव निवासी महिला के प्रसव के दौरान नवजात की मौत के मामले में जिला कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर सीएमएचओ आर.के. राजोरिया ने जांच शुरू कर दी है। सीएमएचओ ने महिला डॉक्टर मेमुना खातून और नर्सिंग स्टाफ की सदस्य रश्मि धुर्वे के बयान लिए और भविष्य में ऐसी लापरवाही न करने की बात की। अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी एसडीएम दिब्यांशी चौधरी ने जांच के लिए ले ली हैं, ताकि पूरी स्थिति स्पष्ट हो सके।

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दरअसल, 3 अगस्त को महिला किरन जाटव अपने परिजनों के साथ डबरा सिविल अस्पताल में प्रसव के लिए आई थी। सुबह से लेकर रात तक उसे उचित इलाज नहीं मिला। नर्सिंग स्टाफ ने प्रसव के लिए पैसे की मांग की, और जब सुनवाई नहीं हुई, तो महिला के परिजन रात 11 बजे उसे ग्वालियर ले जाने लगे। इसी दौरान अस्पताल परिसर में किरन का प्रसव हो गया और बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने हंगामा किया और अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर पर लापरवाही, अभद्र व्यवहार और पैसे मांगने के आरोप लगाए। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की गई थी। इस खबर को Lalluram.com ने प्रमुखता से दिखाया था।

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मामले में जिला कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर सीएमएचओ आर.के. राजोरिया अस्पताल पहुंचे और इस पूरे मामले में कार्रवाई शुरू की है। उन्होंने कहा कि नवजात की मौत एक अलग विषय है, लेकिन अस्पताल में महिला का प्रसव परिसर में होना एक गंभीर मामला है। इस पर पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि नवजात की मौत जमीन पर गिरने से नहीं, बल्कि सात माह के गर्भकाल और कम वजन के कारण हुई।

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