संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का बड़ा असर हुआ है। जहां एक निजी अस्पताल की लापरवाही की वजह से प्रसूता शारदा राजपूत की मौत की खबर को लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद मुंगेली कलेक्टर ने भी मामले की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए थे। इस मामले शुरूआती जांच के बाद शनिवार को लोरमी एसडीएम पार्वती पटेल की मौजूदगी में लोरमी पुलिस ने एक्शन लिया। फर्जी आधार पर संचालित आन्या अस्पताल को सील करते हुए अस्पताल के संचालक महेंद्र साहू और मैनेजर जितेंद्र साहू को लोरमी पुलिस ने गिरफ्तार कर जिन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस के मुताबिक इस पूरे मामले में जांच अभी जारी है जिसके बाद अन्य आरोपी का नाम सामने आने की संभावना है।

निजी अस्पताल बना लूटने का केंद्र, कमीशन का खेल नीचे से ऊपर तक

मुंगेली जिले के लोरमी क्षेत्र में बगैर लाइसेंस व प्रशिक्षित डॉक्टर के बगैर ही धड़ल्ले से अस्पताल का बेख़ौफ़ संचालन इनदिनों जोरों पर है जहां केवल ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों से बेहतर इलाज के नाम पर जमकर पैसों की उगाही की जा रही है. यहां आलम यह है की किसी भी गांव के मरीज या गर्भवती महिला को जब 102 व 108 वाहन के माध्यम से लोरमी के सामुदायिक अस्पताल लाया जाता है तब वहां कुछ निजी अस्पताल से सांठगांव करने वाले एंबुलेंस संचालक सक्रिय मौजूद रहते हैं जिनके द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को गुमराह करते हुए निजी अस्पतालों में भर्ती करा दिया जाता है। जहां कमीशन का खेल नीचे से ऊपर तक खुलेआम शुरू हो जाता है।

लोरमी तहसील अंतर्गत दर्जन भर से अधिक बिना लाइसेंस के अवैध अस्पताल का संचालन किया जा रहा है जहां नर्सिंग होम एक्ट की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं होने से बिना लाइसेंस के अवैध तरीके से संचालित अस्पताल संचालकों के हौसले बुलंद है। जिसका खामियाजा भोले-भाले ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को जान गंवाकर भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जब कुछ माह पहले ही मुंगेली जिले के स्वास्थ्य अधिकारी देवेंद्र पैकरा ने आन्या अस्पताल को अवैध करार देते हुए उन्हें तत्काल बंद करने के निर्देश दिए थे ऐसी स्थिति में किस आधार पर अस्पताल का संचालन किया जा रहा था। इस पर भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जांच करने की आवश्यकता है साथ ही जो भी दोषी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और अधिकारी हैं उनके खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए।

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जानकारी के मुताबिक 50 बिस्तर शासकीय अस्पताल लोरमी से जिन गर्भवती महिला या अन्य मरीज को जिला अस्पताल रिफर किया जाता है उन्हें निजी एंबुलेंस संचालकों के द्वारा किसी दूसरे अस्पताल में कमीशन खोरी के चलते भर्ती करा दिया जाता है। जहां ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों की जान के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है।

जिम्मेदारों पर कब होगी कार्यवाही?

प्रसूता की मौत के बाद मुंगेली जिले के स्वास्थ्य अधिकारी देवेंद्र पैकरा ने कहा कि जितने भी अवैध रूप से लोरमी क्षेत्र में अस्पताल संचालित हो रहे हैं उन पर जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी ताकि मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ ना हो। वही इस घटना को लेकर लोरमी की एसडीओपी माधुरी धिरही ने बताया कि प्रसूता की मौत के जिम्मेदार दोनों सगे भाई अस्पताल के संचालक महेंद्र साहू और मैनेजमेंट संभालने वाले जितेंद्र साहू के खिलाफ मृतिका के पति दुर्गेश राजपुत की रिपोर्ट और पुलिस जांच के बाद गैर इरादतन हत्या की धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया गया है जिन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

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जहां से आदेश पर जेल दाखिल कर दिया गया है तो वही निजी एंबुलेंस संचालक सहित गर्भवती महिला का ऑपरेशन करने वाले तथा कथित डॉक्टर सहित अन्य आरोपियों की तलाश में लोरमी पुलिस जुट गई है। वही इस कार्रवाई में प्रशिक्षु डीएसपी जितेंद्र कुंभकार सहित अन्य पुलिस स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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