अभिषेक सेमर, तखतपुर. बिलासपुर जिले के तखतपुर ब्लॉक में नाले को पाटकर किये गए अवैध निर्माणों पर प्रशासन ने बुल्डोजर कार्रवाई की है. नाले को पाटने से स्थानीय लोगों को हो रही समस्याओं को लेकर लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी. जिसके बाद नाले की जमीन पर हुए दो अलग-अलग अवैध निर्माणों पर प्रशासन ने एक्शन लिया है.
विनायक प्लाजा पर चला बुल्डोजर
पहले मामले में उसलापुर के सकरी मुख्य मार्ग में गोखने नाले को पाटकर विनायक प्लाजा का बाउंड्री वॉल बनाया था. इसके चलते नाले से निकासी बंद हो गई और स्थानीय लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसे भी पढ़ें : नाले को पाटकर बिल्डर ने जमीन पर किया कब्जा, बारिश में लोग परेशान, जांच में शिकायत सही फिर भी नहीं हो रही कार्रवाई, आखिर किसका मिल रहा संरक्षण ?
स्थानीय निवासियों के शिकायत के बाद इस मामले की जांच में पाया गया कि बिल्डर ने 22 डिसमिल नाले की जमीन (शासकीय जमीन) कब्जा कर उसपर विनायक प्लाजा का बाउंड्री वॉल बनाया था. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद भी लंबे समय तक प्रशासन की चुप्पी को लेकर लल्लूराम डॉट कॉम ने खबर प्रकाशित किया जिसके बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने मामले में संज्ञान लिया और बिल्डर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. बिल्डर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर निगम के अतिक्रमण दस्ते ने बुल्डोजर कार्रवाई की है.
नागोई में बाउंड्रीवॉल समेंत इमारत पर चला बुल्डोजर
दूसरा मामला तखतपुर ब्लॉक के नागोई गांव का है, जहां रसूखदार ने नाले को पाट कर लगभग 1 एकड़ जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण किया था. प्रशासन ने इस पर भी बुल्डोजर कार्रवाई करते हुए बाउंड्रीबॉल सहित बिल्डिंग को जमीदोज कर दिया है. इस दौरान मौके पर तहसीलदार सोनू अग्रवाल और आर आई पटवारी की टीम भी मौजूद रही.
बता दें, मामले में नायब तहसीलदार ने लता अग्रवाल के नाम पर 10 हजार अर्थदंड सहित बेदखली का आदेश दिया था. वहीं इस मामले को लेकर पूर्व में नागोई पटवारी सुरेश मिश्रा को निलंबित किया गया था.
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर तीखे तल्ख में कहा था कि नदी, नाले, तालाब और कुआं को नहीं पाटे जाएंगे. लेकिन रसूखदारों ने यहां खुलेआम इन आदेशों की धज्जियां उड़ाई. दोनों ही मामलों में नाले से लगे हुए गांव में बारिश का पानी और निस्तारी का पानी गोखने नाले से बाहर निकलता है. लेकिन इसकी जमीन को पाटने से निकासी जाम हो गई और ग्रामीणों के घरों और खेतो में पानी भरने लगा. इससे ग्रामीणों के फसल में भी भारी नुकसान हो रहा था. इसे लेकर स्थानीय लोगों ने शुरूआत से ही शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद प्रशासन ने अब बुल्डोजर कार्रवाई की है.
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