तिरुप्पुर। अमेरिका द्वारा भारत से आयात होने वाले वस्त्रों पर 50% शुल्क लगाने के फैसले का असर अब तमिलनाडु के परिधान उद्योग पर साफ नजर आने लगा है। देश का निटवियर हब कहे जाने वाले राज्य के तिरुप्पुर में कई कपड़ा कंपनियों ने अमेरिकी बाजार के लिए उत्पादन अस्थायी रूप से रोक दिया है, जबकि अन्य कंपनियां वैकल्पिक बाजारों की तलाश में जुट गई हैं।
उद्योग प्रतिनिधियों के मुताबिक, अमेरिकी खरीदारों ने भी फिलहाल नए ऑर्डर के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। इस कारण निर्यातक “देखो और इंतजार करो” की स्थिति में हैं। यानी, वे तुरंत कोई बड़ा फैसला लेने के बजाय आने वाले दिनों में हालात स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं।
अमेरिका को सालाना 12,000 करोड़ रुपये का निर्यात
तिरुप्पुर निर्यातक संघ (टीईए) के अध्यक्ष के.एम. सुब्रमण्यन ने बताया कि इस क्षेत्र से हर साल लगभग 45,000 करोड़ रुपये का वस्त्र निर्यात होता है, जिसमें से करीब 30% यानी 12,000 करोड़ रुपये का माल अमेरिका भेजा जाता है। नई टैरिफ दरों के चलते अनुमान है कि इस कारोबार का लगभग 50% करीब 6,000 करोड़ रुपये सीधे प्रभावित होगा।
उत्पादन पड़ा ठप, ब्रिटेन पर नजर
सुब्रमण्यन ने बताया कि अमेरिका को निर्यात करने वाले कुछ निर्माता तत्काल प्रभाव से अपने कारखानों में उत्पादन बंद कर चुके हैं। वहीं, भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद, कई कंपनियां ब्रिटेन के बाजार में नए अवसर तलाशने की उम्मीद कर रही हैं।
सुब्रमण्यन ने कहा कि फिलहाल स्थिति गंभीर है। हम अगले दो सप्ताह तक हालात का आकलन करेंगे और फिर आगे की रणनीति तय करेंगे।
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