-डॉ. वैभव बेमेतरिहा

रायपुर। वक़्फ़ बोर्ड एक्ट में संशोधन को लेकर संसद गर्म है, तो देश भर में यह एक सियासी मुद्दा बन गया है. विपक्ष ने संशोधन बिल का विरोध जताया है. यूपी बिहार जैसे राज्यों में इस पर बवाल मचने के आसार हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में इसका क्या असर होगा, इसे हमने कांग्रेस और भाजपा के सरकारों में वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष रहे नेताओं से समझने की कोशिश की है.

देश की अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ राज्य में भी वक़्फ़ बोर्ड है. इस बोर्ड के पास भी हजारों करोड़ की संपत्तियां हैं, लेकिन बेहिसाब संपत्तियों का सही तरीके से हिसाब बोर्ड के पास भी नहीं है. हैरानी की बात यह है कि 90 प्रतिशत संपत्तियों पर वक़्फ़ की जगह गैर लोगों का कब्जा है.

90 प्रतिशत पर कब्जा

कांग्रेस सरकार में वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष रहे सलाम रिज़वी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में वक़्फ़ के पास अनुमानित 5 हजार करोड़ की संपत्ति है. लेकिन 90 प्रतिशत संपत्ति पर गैर लोगों का कब्जा है.

उनका यह भी कहना है कि जो मुतवल्ली होते हैं उन्होंने बड़ा नुकसान पहुँचाया है, क्योंकि निगरानी का काम या कागजों को दूरस्थ कराने काम उन्होंने ठीक से नहीं किया. वक़्फ़ बोर्ड ने भी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई, इससे बड़ा नुकसान हुआ है. वर्तमान में ये स्थिति है कि राज्य में वक़्फ़ बोर्ड की हालत खराब है. वक़्फ़ का काम है सामाजिक कल्याण के लिए काम करना, जमीनें देना, अस्पताल बनवाना, स्कूल-कॉलेज खोलना लेकिन यह हो नहीं पा रहा है.

मठ बोर्ड बने

छत्तीसगढ़ में असर के सवाल पर कहते हैं कि यहां इसका कोई असर नहीं होगा. क्योंकि छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों की तरह धार्मिक एजेंडे वाला राज्य नहीं है. वहीं वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति होकर भी वक़्फ़ के पास नहीं है. बात सियासत की है तो इसे बस धारा 370 या तीन तलाक जैसे बिल की तरह ही देख सकते हैं. मेरा तो यह सुझाव है कि वक़्फ़ की तरह मठ बोर्ड बना दिया जाना चाहिए क्योंकि मठों के पास वक़्फ़ से भी कहीं ज्यादा बेहिसाब संपत्तियां हैं.

विपक्ष को तकलीफ

भाजपा सरकार में 15 साल तक वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष रहने वाले सलीम अशरफी का कहना है कि बिल से सबसे ज्यादा तकलीफ विपक्ष को ही है. क्योंकि वक़्फ़ के 90 प्रतिशत कब्जे वाले संपत्ति राजनीतिक तौर पर सक्रिय लोगों का हाथ हैं. समझ सकते हैं मेरा इशारा किस ओर हैं.

छत्तीसगढ़ में मेरी जानकारी के मुताबिक 11 सौ से अधिक प्रॉपर्टी वक़्फ़ के पास है. लेकिन कहाँ ? किसके हाथ मे हैं ? कौन इसका कैसे उपयोग कर रहा है ? और वक़्फ़ को इससे क्या फायदा या नुकसान हो रहा इसका आंकलन किया जा सकता है ?

बिल से सबको फायदा

सलीम अशरफी का कहना है कि इस संशोधन बिल से सबको फायदा होगा. पीएम मोदी की नीति और नीयत दोनों ही साफ है. उन्होंने सदैव मुसलमानों की हित में काम किया है. छत्तीसगढ़ में भाजपा शासन में जो लाभ मुसलमानों को हुआ वो कांग्रेस की सरकारों में नहीं हुआ. क्योंकि कांग्रेस ने हमेशा मुसलमानों का उपयोग वोटबैंक के लिए लिया है. कांग्रेस की राजनीति मुस्लिम तुष्टिकरण की रही है.

संशोधन बिल से छत्तीसगढ़ में सियासी असर नहीं बल्कि सामाजिक असर होगा. वक़्फ़ की सम्पतियों से कब्जा मुक्त होगा. वक़्फ़ बोर्ड और अधिक अधिकार सम्पन्न होगा.