रायपुर. राज्य सरकार ने छह लघु वनोपजों, हर्रा, इमली (बीज सहित), साल बीज, चिरौंजी गुठली, कुसुमी लाख और महुआ बीज का संग्रहण करने वाले ग्रामीणों और वनवासियों के लिए बोनस (प्रोत्साहन राशि) देने का आदेश कर दिया है. यह प्रोत्साहन राशि उन्हें इन लघु वनोपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ मिलेगी. प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों द्वारा इन संग्रहण कर्ताओं को समर्थन मूल्य के अतिरिक्त इस बोनस राशि का भुगतान भी उनके बैंक खातों में किया जाएगा.
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पिछले महीने की दस तारीख को विधानसभा में नये वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अपने बजट भाषण में लघु वनोपजों के संग्रहण पर बोनस देने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करते हुए मुख्य सचिव अजय सिंह ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिया है. मुख्य सचिव ने परिपत्र के रूप में जारी आदेश में कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा हर्रा के लिए आठ रूपए, इमली (बीज सहित) के लिए 18 रूपए, साल बीज के लिए 12 रूपए, चिरौंजी गुठली के लिए 93 रूपए, कुसुमी लाख के लिए 167 रूपए और महुआ बीज के लिए बीस रूपए प्रति किलोग्राम की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है.

मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार राज्य शासन द्वारा इन लघु वनोपजों के लिए संग्राहकों को प्रति किलोग्राम बोनस (प्रोत्साहन राशि) दी जाएगी. बोनस राशि हर्रा के लिए तीन रूपए, इमली (बीज सहित) के लिए 7 रूपए, साल बीज के लिए 1 रूपए, चिरौंजी गुठली के लिए 12 रूपए, कुसुमी लाख के लिए 33 रूपए और महुआ बीज के लिए 2 रूपए प्रति किलोग्राम तय की गई है. इस प्रोत्साहन राशि को मिलाकर अब संग्राहकों को हर्रा पर 11 रूपए, इमली (बीज सहित) के लिए 25 रूपए, साल बीज के लिए 13 रूपए, चिरौंजी गुठली के लिए 105 रूपए, कुसुमी लाख के लिए 200 रूपए और महुआ बीज के लिए 22 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से राशि मिलेगी.
संग्राहकों को उनके इन लघु वनोपजों का उचित मूल्य प्राप्त हो सके, इसे ध्यान में रखकर योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय एवं मूल्यांकन समिति का गठन किया गया है. संबंधित वन मंडल के डीएफओ और जिला यूनियन प्रबंध संचालक इस समिति के सदस्य सचिव हैं. मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों को इन लघु वनोपजों के संग्रहण और समर्थन मूल्य के साथ बोनस वितरण के लिए समिति की बैठक जल्द आयोजित करने और कार्ययोजना निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं.

मुख्य सचिव ने संग्रहण सीजन को ध्यान में रखकर जिला कलेक्टरों और वनमंडलाधिकारियों को सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने और गांवों तथा हाट-बाजारों में योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करवाने के भी निर्देश दिए हैं. इसके लिए वन विभाग द्वारा पोस्टर और पेम्प्लेट भी पर्याप्त मात्रा में सभी जिला यूनियनों को भेजे जा रहे हैं.