श्रावण मास की पवित्रता का वर्णन शास्त्रों में विस्तार से मिलता है. यह महीना भगवान शिव को विशेष प्रिय है. इस दौरान शिवलिंग पर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, और बेलपत्र अर्पण करने से विशेष फल मिलता है. लेकिन क्या आपने कभी 108 बेलपत्रों पर शिव के 108 नाम लिखकर उन्हें अर्पित करने का विधान सुना है?
यह परंपरा न केवल पुण्यदायी मानी जाती है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा को कई गुना बढ़ा देती है. हर बेलपत्र पर शिव का एक नाम लिखकर अर्पित करना, साक्षात भगवान शिव को 108 बार नमन करने के समान होता है.
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श्रावण सोमवार पर करें यह आसान उपाय, दूर होंगी कुंडली की बाधाएं
क्यों चढ़ाते हैं बेलपत्र?
बेलपत्र त्रिदेवों का प्रतीक है – तीन पत्तियों वाला यह पत्र ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करता है. साथ ही, इसकी शीतलता शिवलिंग की ऊर्जा को संतुलित करती है. मान्यता है कि बेलपत्र की एक पत्ती भी यदि श्रद्धा से चढ़ाई जाए तो वह सहस्त्र कमलों की भेंट के बराबर मानी जाती है.
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कैसे करें 108 बेलपत्रों की पूजा?
प्रातःकाल स्नान के बाद शुद्ध बेलपत्र एकत्र करें. ध्यान दें. बेलपत्र टूटा हुआ या कीट खाया न हो. प्रत्येक पत्ती के पीछे लाल चंदन या हल्दी से शिव का एक-एक नाम लिखें. 108 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र के साथ शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें. अंत में आरती और नैवेद्य अर्पण करें. यदि आप 108 नामों को याद नहीं कर सकते तो एक सूची बना लें या मोबाइल से देखकर श्रद्धापूर्वक लिखें – भावना और निष्ठा सबसे महत्वपूर्ण है.
क्या फल मिलता है?
कुंडली के दोष शांत होते हैं. विवाह, संतान और नौकरी से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं. मानसिक शांति और आत्मिक बल की प्राप्ति होती है. विशेष रूप से श्रावण सोमवार को यह उपाय अति फलदायी माना गया है.
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