कुमार इंदर, जबलपुर। प्रमोशन में आरक्षण मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अहम सुनवाई की. कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण का मामला राज्य सरकार पर छोड़ दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी पदों पर एससी और एसटी को प्रमाोशन में आरक्षण (Reservation in Promotion) देने के लिए कोई मानदंड निर्धारित करने से इनकार कर दिया. SC ने कहा कि पहले से आरक्षण के पैमाने तय किए हैं. उनमें हम छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं. अब राज्य सरकार अपने हिसाब से डाटा तैयार करेगी. शीर्ष अदालत ने कहा कि एसटी-एससी को उनका वाजिब हक मिला कि नहीं राज्य सरकारें अपने अपने हिसाब से देखें.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एम नागराज मामले में संविधान पीठ के फैसले के बाद शीर्ष अदालत कोई नया पैमाना नहीं बना सकती. बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने 26 अक्टूबर 2021 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी.

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मध्यप्रदेश में अप्रैल 2016 से प्रमोशन पर रोक लगी है. प्रदेश में 6 साल से सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन नहीं हुए हैं. मध्यप्रदेश में पदोन्नति नियम 2002 के तहत कर्मचारियों के प्रमोशन होते थे. 2016 में हाईकोर्ट (High Court) ने इसपर बैकलॉग के खाली पदों को कैरिफारवर्ड करने और रोस्टर संबंधी प्रावधान को संविधान के विरुद्ध मानते हुए आरक्षण के नियम को खारिज कर दिया था. इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की थी.

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