शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश गेहूं के उत्पादन का अब केंद्र है. पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं. मध्यप्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है. मध्यप्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है. आज निर्यातकों के साथ उच्च स्तरीय बैठक हुई. बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन जोशी भी उपस्थित थीं. दिल्ली में गेहूं निर्यातकों के साथ बैठक के बाद सीएम शिवराज ने अहम फैसले लिए है.
सीएम शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश में गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है. इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे. प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा, उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा. भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे. प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से गेहूं खरीद सकता है.
सीएम ने आगे कहा कि मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है. एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकते हैं. गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर, लैब की सुविधायें निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएगी. प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को जगह की जरुरत होगी, तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवाएंगे.
इसके अलावा निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी, तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जाएगी. रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की कोई दिक्कत नहीं आएगी. निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना निर्यात कर सकते हैं. इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के किसानों को फायदा होगा. इस बार भी सरकार की कृषि उम्मोन्मुखी नीतियों और प्रदेश के किसानों की मेहनत के बल पर बंपर फसल आ रही है.
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