रायपुर – कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी संक्रमण के दौरान संपूर्ण देश में तीसरे चरण का लॉकडाउन है। ऐसे समय में प्रवासी मजदूरों और दूसरे राज्यों में फंसे हुए लोगों को उनके गृह ग्राम तक पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण से अन्य लोगों को बचाने तथा वातावरण में विषाणु के संचरण की संभावना को रोकने के लिए प्रभावित देशो या संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए बाहर से आए हुए लोगों के लिये हर स्तर पर क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है या कुछ लोगों को उनके घर में ही रखने की सलाह दी जा रही है।
छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने “होम आइसोलेशन” मार्गदर्शिका जारी की है, जिसमें “होम आइसोलेशन” में क्या करना है और क्या नहीं करना है, इसकी जानकारी दी गई है। यानि बाहर से आए व्यक्तियों ( जो सामान्य हैं, जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं) एहतियातन उन्हें 14 दिनों तक बाहर विचरण ( घूमने) पर रोक लगाते हुए उसके घर तक सीमित करने “होम आइसोलेशन” में रहने को जरूरी किया है। इस दौरान आइसोलेटेड व्यक्ति को क्या करना है, क्या नहीं करना है, होम आइसोलेटेड व्यक्ति के परिजनों को क्या करना है, क्या नहीं करना है, इसकी पूरी जानकारी भी दी गई है।
होम आइसोलेटेड व्यक्ति रखें इसका ध्यान – बाहर से आए उन सभी व्यक्तियों को जिन्हें होम आइसोलेशन की सलाह स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा दी गई उन्हें 14 दिनों तक निम्न आचरण अपनाने चाहिए –
1. उन व्यक्तियों को एक अलग कमरे में रहना चाहिए, कमरा साफ और हवादार भी हो तथा कमरे में संलग्न टॉयलेट एवं बाथरूम की व्यवस्था हो।
2. 14 दिनों तक व्यक्ति को घर के निर्धारित उस कमरे में ही रहना चाहिए।
3. व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए तथा हल्का लक्षण भी उभरने पर तत्काल जिला नोडल अधिकारी, सीएमएचओ , सर्विलेंस अधिकारी या यह संभव ना हो तो हेल्प लाइन नंबर 104 को सूचित करना चाहिए।
4. व्यक्ति को खांसते व छींकते समय रूमाल का उपयोग करना चाहिए, नियमित रूप से हाथ धोना चाहिए। अपने उपयोग किए गए कपड़ों को डिटर्जेंट या साबुन से धोना चाहिए।
5. तेल मसालों के सेवन से बचना चाहिए और तरल पदार्थ लेते रहना चाहिए।
आइसोलेटेड व्यक्तियों को इसे नहीं करना है – जिसे “होम आइसोलेशन” की सलाह दी गई है उन लोगों को 14 दिन पूरी तरह से घर के निर्धारित कमरे में रहने के अलावा कुछ चीजें नहीं करने की सलाह दी गई है। इनमें मुख्य रूप से भीड़ वाले स्थान में नहीं जाने, घर के निर्धारित कमरे के अलावा घर के किचन, हॉल या ऐसे कमरे जिनमें घर के अन्य व्यक्ति रहते हैं वहां नहीं जाने, बार बार अपना चेहरा या आंखों को नहीं छूने, घर में अतिथि या अन्य बाहरी व्यक्ति को नहीं बुलाने, इधर उधर थूकना, खांसना और ना हीं छींकना और बुजुर्ग व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं एवं छोटे बच्चों से विशेष तौर से दूरी बनाकर रखना शामिल है।
परिजनों को भी देना है विशेष ध्यान– जारी “होम आइसोलेशन” मार्गदर्शिका में स्पष्ट रूप से होम आइलेटेड व्यक्तियों के परिजनों को भी आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इनमें मुख्य रूप से जहां तक हो सके परिवार का कम से कम व्यक्ति ( संभव हो तो सिर्फ एक व्यक्ति) ही होम आइसोलेटेड व्यक्ति की देखभाल करे, देखभाल करने वाला व्यक्ति हमेशा मास्क पहन कर ही होम , आइसोलेटेड व्यक्ति को खाना या जरूरी सामान देने जाए, परिवार के बाकि सदस्य अलग कमरे में रहें यदि ऐसा संभव ना हो तो कम से कम एक मीटर की दूरी बना कर रखें, होम आइसोलेटेड व्यक्ति सिर्फ निर्धारित कमरे में रहे घर के अन्य हिस्सों में नहीं घूमें ,इसमें सहयोग करें, परिवार के सभी सदस्य उस कमरे में नहीं जाएं जहां आइसोलेटेड व्यक्ति रह रहा है, परिवार के अन्य सदस्य नियमित रूप से हाथों को बार-बार धोते रहें, आइसोलेटेड व्यक्ति के उपयोग किए जा रहे सामानों ( कपड़े , बेडशीट, टॉवेल, बर्तन, इत्यादि )को ना छूएंऔर ना ही इस्तेमाल करें, आइसोलेटेड व्यक्ति के साथ बर्तन, मास्क या अन्य व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण सामग्री, कपड़े और बिस्तर साझा नहीं करें, ऐसे व्यक्ति के सामानों या फिर टेबल, बेड फ्रेम इत्यादि को ब्लीच सोल्यूशन या किटाणुनाशक से साफ करें, पालतू पशुओं को होम आइसोलेटेड व्यक्तियों के संपर्क में नहीं आने देना शामिल है।