दिल्ली. सत्ता में आने से पहले इमरान खान ने वादा किया था कि अगर वे मु्ल्क के वजीरे-ए-आजम बनेंगे तो नया पाकिस्तान बनाएंगे, लेकिन अपने कामकाज के 100 दिनों से पहले ही उनकी सरकार ने एक तालिबानी फरमान सुना दिया जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. लाहौर के पंजाब सिविल सेक्रेटेरिएट में बिना हिजाब और दुपट्टे वाली महिला कर्मचारियों को बिल्डिंग में घुसने से मना कर दिया गया. इमरान सरकार के मंत्रालय का यह ऑर्डर है, जिसको लेकर पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है.
पाकिस्तान में यह तानाशाही फरमान पंजाब प्रांत के प्राइमरी और सेकेंडरी हेल्थकेयर मिनिस्टर डॉ. यास्मिन राशिद ने दिया है, जिसके बाद महिलाओं को सरकारी सिविल सेक्रेटेरिएट की बिल्डिंग में बिना हिजाब पहने और बगैर दुपट्टा लगाए महिलाओं को प्रवेश करने से रोक दिया गया. एक ट्विटर यूजर सिदरा बट ने सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग में अपने साथ हुए इस अनुभव का वीडियो शेयर किया है. वीडियो शेयर करते हुए सिदरा ने लिखा मैंने सुना था कि आप बिना दुपट्टे के प्रवेश नहीं कर सकते, इसलिए मैं आज मिनिस्ट्री के ब्लॉक सिविल सेक्रेटेरिएट गई थई. मैंने लिखित आदेश के बारे में पूछा, लेकिन उनके पास ऐसा कुछ था नहीं.
यूएस इंस्टिट्यूट फॉर पीस में काम कर रही सेहर तारीक ने भी ट्वीट कर इसे हास्यास्पद बताया है. उन्होंने लिखा, ‘पंजाब के सिविल सेक्रेटेरिएट में प्रवेश कर रही महिलाओं पर निर्भर करता है कि वे दुपट्टा लगाएं या नहीं. ड्रेस कोड का यह आदेश कथित रूप से एक महिला मंत्री (डॉ. यास्मिन राशिद) की तरफ से आया है. महिलाओं के शरीर पर इस तरह से निगरानी न तो कोई कर सकता है और न ही करनी चाहिए.’
वैसे इमरान खान ने आते ही साबित कर दिया है कि पाकिस्तान के तरक्कीपसंद लोगों के लिए अब मुश्किल खड़ी होने वाली हैं क्योंकि वे अब पाकिस्तान में तालिबानी शासन शुरु करेंगे.