सरिया का दाम दिन बर दिन घटते जा रहा है. मार्च में सरिये के खेरची दाम 85 हजार रुपये प्रति टन थे. जून के पहले सप्ताह में ये 45 से 50 हजार रुपये प्रति टन तक नीचे आ गए हैं. पिछले दो महिने की बात की जाए तो देश में सरिया का दाम आधा रह गया है. भवन निर्माण क्षेत्र के जानकारों के मुताबिक यह घर बनाने का सबसे अच्छा समय है.

बड़े ब्रांड के सरिये के दाम भी घटे

सिर्फ लोकल सरिया ही सस्ता नहीं हुआ है, बल्कि बड़ी कंपनियों को ब्रांडेड भी नीचे आया है. ब्रांडेड सरिये के दाम भी अब घटकर 80 से 85 हजार रुपये प्रति टन पर आ गए हैं. मार्च में इनके दाम एक लाख रुपये प्रति टन तक पहुंच गए थे.

महंगाई के बीच राहत की खबर

सरकार ने बीते दिनों घरेलू दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी को रोकने के लिए गेहूं निर्यात पर रोक, सरिया के निर्यात पर शुल्क वृद्धि समेत कई फैसले लिए थे, उनका असर बाजार पर सीधा नजर आ रहा है. आगामी वर्षाकाल में निर्माण उद्योग मंद होता है, इसलिए भी भावों में गिरावट आ रही है.

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भवन निर्माण सामग्री सस्ती होने से घर बनाने की लागत कम हो गई है. निर्माण उद्योग में रेत, सीमेंट, सरिये व ईंटों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. देखा जाए तो किसी भी निर्माण की बुनियाद सरिये पर निर्भर करती है. दो माह पहले इसके बाद रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने बाजार नीतियों में दखल दिया. कई वस्तुओं पर टैक्स व शुल्क घटाए गए तो निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए कई वस्तुओं पर ड्यूटी बढ़ा दी. सरिये पर भी सरकार ने एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी. इसका सीधा असर घरेलू बाजार में दाम घटने के रूप में सामने आया.