उत्तर प्रदेश. गाजियाबाद में लुटेरी दुल्हन का गैंग सक्रिय हो गया है. करीब तीन महीने में ही लुटेरी दुल्हन अपने साथियों के साथ 27 युवकों को निशाना बना चुकी है. गिरोह की नजर उन युवाओं पर है, जो कामकाजी हैं और किसी कारण शादी नहीं कर सके हैं. इन युवाओं से शादी के कुछ ही समय बाद लुटेरी दुल्हनें सामान और कैश आदि लेकर रफूचक्कर हो रही हैं. दो दिन पहले ही ठगी के शिकार तीन पीड़ितों ने साहिबाबाद थाने पहुंचकर शिकायत की है. तीन महीने में साहिबाबाद थानाक्षेत्र से 17, खोड़ा से 7, इंदिरापुरम से एक और लिंक रोड से दो युवकों ने ठगी के ऐसे मामले दर्ज करवाए हैं. पीड़ितों की शिकायत के आधार पर पुलिस ऐसे गिरोह के सदस्यों की तलाश में जुट गई है.

सामान, जूलरी, कैश सब गायब

साहिबाबाद की कुटी कॉलोनी निवासी फिराज प्लास्टिक का कारोबार करता है. मूलरूप से मुरादाबाद निवासी फिराज ने बताया कि करीब एक साल पूर्व दोस्त उसके लिए एक लड़की का रिश्ता लेकर आया. कुछ महीने बाद उसकी शादी हो गई. पीड़ित का आरोप है कि शादी के चार महीने बाद उसकी पत्नी सरिफन उर्फ सरिफा घर से 36 हजार कैश, जरूरी सामान और कीमती कपड़े लेकर फरार हो गई. उसके बाद से सारिफा का फोन बंद है. इस दौरान दोस्त के माध्यम से पत्नी के परिवारवालों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन सभी के नंबर बंद हैं.

पूरा घर खाली कर गई पत्नी

मूलरूप से बुलंदशहर निवासी भूपेंद्र नोएडा की एक कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं. पीड़ित ने बताया कि नोएडा जाने के दौरान उसकी मुलाकात बंगाल निवासी युवती से हुई थी. करीब छह महीने पहले दोनों ने मंदिर में शादी की थी. आरोप है कि वह दो महीने की ट्रेनिंग के लिए विदेश गया था. वापस आया तो कमरे पर ताला लगा था. दो कमरों का फ्लैट पूरी तरह खाली था. पत्नी घर का सारा सामान, दो एसी, 2 लाख कैश, 4 लाख की जूलरी और पीड़ित की जॉब से जुड़े कागज लेकर फरार हो गई. नंबर के आधार पर पीड़ित ने पत्नी की लोकेशन ली तो वह बंगाल में मिली है. पीड़ित ने नंबर के आधार पर साहिबाबाद पुलिस से शिकायत की है.

फ्लैट की डाउन पेमेंट लेकर फरार

कैब चालक समीर ने बताया कि अर्थला में पांच साल से किराये पर रहता था. मैट्रिमोनियल वेबसाइट की मदद से उसकी शादी फराह नामक युवती से हुई थी. शादी के दौरान दोनों पक्षों की ओर से कोई परिवारवाला नहीं आया था. सात महीने से दोनों किराए के कमरे में साथ रह रहे थे. समीर ने बताया कि 20 दिन पूर्व दोनों की राजनगर एक्सटेंशन की एक सोसायटी में फ्लैट खरीदने की प्लैनिंग बनी थी. चार दिन पूर्व उसने दोस्तों की मदद से बिल्डर को देने के लिए दो लाख रुपये बतौर टोकन मनी की व्यवस्था की थी. दो लाख घर पर रखे थे. बीते गुरुवार की रात वह घर लौटा तो कमरे पर ताला लगा था. आरोप है कि फराह कैश और जूलरी लेकर फरार हो गई. फराह का नंबर भी बंद है. पीड़ित ने पत्नी के नंबर के आधार पर साहिबाबाद पुलिस से शिकायत की है.

“पुलिस ऐसे मामलों में रिपोर्ट दर्ज कर संबंधित धारा में कार्रवाई करती है. पुलिस सर्विलांस की मदद से ऐसी महिलाओं की तलाश कर रही है. पूर्व में ऐसी कई घटनाओं का पुलिस खुलासा कर चुकी है. युवाओं को भी सतर्क रहने की जरूरत है. -राकेश मिश्रा, सीओ साहिबाबाद”-राकेश मिश्रा, सीओ साहिबाबाद

दिल्ली-एनसीआर निशाने पर क्यों

पुलिस का मानना है कि ऐसे गिरोह के लोगों की नजर दिल्ली-एनसीआर के युवाओं पर ज्यादा रहती है. कारण, बेहतर भविष्य की तलाश में अधिकांश लोग अपने मूल निवास को छोड़कर यहां रहने लगते हैं. करियर संवारने में समय बीतने पर कई युवा शादी नहीं कर पाते. ऐसे युवाओं को फंसाकर गिरोह के लोग शादी करवाते हैं और उन्हें बातों में उलझाकर परिवार को जानकारी न देने के लिए कहते हैं. शादी के कुछ ही महीने बाद इन युवाओं को ठग लिया जाता है. शुरुआत में पुलिस ऐसे मामले को पति-पत्नी के विवाद का मानकर जांच करती है. बाद में पुलिस गुमशुदगी दर्ज करती है. इसके बाद पुलिस आरोपित के नंबर की सर्विलांस की मदद से लोकेशन लेकर ट्रेस करती है. तीन महीने में दर्ज अलग-अलग थानों से 27 मामलों में पुलिस अभी तक किसी लुटेरी दुल्हन को बरामद नहीं कर सकी है.