रायपुर. शासन द्वारा संचालित 108 की सेवा निरंतर अपने नाम के अनुरूप घायलों, मरीजों को त्वरित आपातकालीन सेवा प्रदान करते हुए संजीवनी की भूमिका निभाती नजर आ रही है. बीते 4 वर्षों के दौरान प्रदेश के 12 लाख से अधिक लोगों की जान बचाने में 108 संजीवनी एक्सप्रेस ने अपनी सार्थक भूमिका निभाई है. एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली संस्था जेएईएस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक बीते 4 वर्षों में अब तक आपातकालीन परिस्थितयों में 108 की सेवा ने 1,205,588 लाख लोगों की मदद की है.
प्रदेश में 326 एम्बुलेंस के माध्यम से हर दिन 108 संजीवनी एक्सप्रेस सैकड़ों लोगों की जान बचाने का काम कर रही है. संस्था के जनसंपर्क अधिकारी अमित कुमार वर्मा ने बताया कि बीते वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2023 तक कुल 3,06,069 लाभार्थियों को 108 की आपातकालीन सेवाओं का लाभ पहुँचाया गया है. जिनमें आरटीए के 30389, प्रेग्नेंसी 20767, जहर सेवन के 8999, सुसाइड एटेम्पट के 629, कार्डियक अरेस्ट के 60, कोरोना महामारी के 68, एनिमल बाईट 6109 एवं सर्दी, खांसी,चेस्ट पेन, बुखार, सिर दर्द, उल्टी- दस्त, एलर्जी, पीठ दर्द, डायरिया फ़्रैक्च, बर्न, डायबिटिज सहित अन्य बीमारियों के 239048 लाभर्थियों को सेवा दी गई है. वहीं दिसंबर 2019 से 31 दिसंबर 2022 तक 899,519 लोगों को सेवाएं दी गई है.
4 वर्षों में 691 से अधिक किलकारियां गूंजी 108 में
घायलों, मरीजों को गोल्डन ऑवर में इलाज कर हॉस्पिटल पहुंचाते हुए उनकी जान बचाने वाला 108 संजीवनी एक्सप्रेस गर्भवती महिलाओं के लिए भी अत्यन्त लाभकारी साबित हुआ है. बीते 4 वर्षों के दौरान 108 टीम ने प्रसव पीड़ा तेज होने पर 691 से भी अधिक गर्भवती महिलाओं का एम्बुलेंस में सुरक्षित प्रसव कराई है.