लोकसभा चुनाव में 538 संसदीय सीटों पर डाले गए वोटों की संख्या और गिने गए वोटों की संख्या में विसंगतियां पाई गई हैं. ADR की रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा चुनावों में 362 संसदीय क्षेत्रों में पड़े कुल वोटों से 5,54,598 वोट कम गिने गए. वहीं 176 संसदीय निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पड़े कुल वोटों से 35,093 वोट अधिक गिने गए. इस मामले पर चुनाव आयोग की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में, 2024 के लोकसभा चुनाव में डाले गए कुल मतों और गिने गए मतों की संख्या में अधिक विसंगतियां देखने को मिली है. वर्ष 2019 में जहां सिर्फ 347 सीटों पर विसंगतियां पाई गई थी, 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर यह आंकड़ा 538 सीट हो गया.
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स्पष्टीकरण देने में विफल रहा है आयोग
ADR ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा अब तक वोटों की गिनती, EVM में डाले गए वोटों में अंतर, मतदान में वृद्धि, मतदान किए गए वोटों की संख्या का खुलासा न करना, डाले गए वोटों के आंकड़ों को जारी करने में अनुचित देरी और अपनी website से कुछ डेटा को साफ करने के अंतिम और प्रामाणिक डेटा जारी करने से पहले चुनाव परिणाम घोषित करने में कोई उचित स्पष्टीकरण देने में विफल रहा है.
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मतदाताओं के मन में पैदा हुई आशंकाएं
प्रो. छोकर ने कहा कि ‘लोकसभा, 2019 और लोकसभा चुनाव 2024 में देखी गई उल्लंघन, अवैधताओं और अनियमितताओं की गंभीर घटनाओं के खिलाफ उचित कदम उठाने में निर्वाचन आयोग की विफलता ने मतदाताओं के मन में आशंकाएं पैदा की हैं. इन आशंकाओं को गंभीरता से संबोधित किया जाना चाहिए और उन्हें दूर करने के लिए निर्वाचन आयोग को समुचित कदम उठाने चाहिए.
ADR ने इसके असर को स्पष्ट नहीं किया
ADR ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि डाले गए मतों की कुल संख्या और गिने गए मतों की संख्या में विसंगतियां होने से कितनी सीटों पर परिणाम अलग आए होंगे. रिपोर्ट के मुताबिक 538 सीटों पर कुल 5 लाख 89 हजार 691 वोट में विसंगतियां है. इसमें कहा गया है कि 362 सीटों पर डाले गए कुल मतों से 5 लाख 54 हजार 598 वोट कम गिने गए हैं, जबकि 176 सीटों पर डाले गए कुल वोटों से कुल 35 हजार 93 वोट अधिक गिने गए हैं.
17वें लोकसभा चुनाव में भी विसंगतियां मिली थीं
ADR ने कहा कि 17वें लोकसभा चुनाव के दौरान भी डाले गए मतों और गिने गए मतों में विसंगतियां पाई गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेषज्ञों और ADR की एक टीम द्वारा किए गए शोध के मुताबिक विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या और गिने गए मतों की संख्या के बीच गंभीर विसंगतियां पाई गईं. 2019 के चुनावों के बारे में कहा गया है कि 542 लोकसभा सीटों में से 347 सीटों पर विसंगतियां पाई गई थी.
पिछले चुनाव में 195 सीटों पर विसंगति नहीं
ADR रिपोर्ट के अनुसार 2019 के चुनाव में 195 सीटों पर डाले गए मतों और गिने गए मतों में किसी तरह की विसंगतियां नहीं थी. 2019 में विसंगतियां 1 वोट (सबसे कम) से लेकर 1 लाख 1323 वोटों तक थीं, जो कुल वोटों का 10.49 % (सबसे अधिक) था. साथ ही 2019 में लोकसभा की 6 सीटें ऐसी थीं, जहां वोटों में विसंगति जीत के अंतर से अधिक थी. विसंगतियों की कुल मात्रा 739104 वोटों की प्रकृति की थी.
राज्यवार कहां कैसी स्थिति
उत्तर प्रदेश: कुल सीट-80, सभी सीटों पर विसंगतियां
55 सीटों पर डाले गए कुल मतों से 53960 कम मतों की गिनती.
25 सीटों पर डाले गए कुल मतों में से 6124 वोटों की अधिक गिनती
बिहार: कुल सीट 40, सभी सीटों पर विसंगतियां
19 सीटों पर डाले गए कुल मतों से 9924 कम मतों की गिनती.
21 सीटों पर डाले गए कुल मतों में से 5015 वोटों की अधिक गिनती.
झारखंड: कुल सीट 14, सभी सीटों पर विसंगतियां
12 सीटों पर डाले गए कुल मतों से 26342 कम मतों की गिनती.
2 सीटों पर डाले गए कुल मतों में से 393 वोटों की अधिक गिनती.
दिल्ली: कुल 7 सीट, सभी सीटों पर विसंगतियां
सभी 7 सीटों पर डाले गए कुल मतों से 8159 कम मतों की गिनती.
उत्तराखंड: कुल 5 सीट, सभी में विसंगतियां
सभी 5 सीटों पर डाले गए कुल मतों से 6315 कम मतों की गिनती.
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