महाकुंभ में हर रोज करोड़ों श्रद्धालु पहुंचकर गंगा स्नान कर रहे हैं. अब तक 54 करोड़ से अधिक लोगों ने गंगा में स्नान किया है. इस बीच गंगा-यमुना नदी के पानी को लेकर मंगलवार को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई. रिपोर्ट पेश कर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को सूचित किया है कि दोनों नदीं गंगा-यमुना का पीना तो दूर नहाने लायक भी नहीं है. अब इस रिपोर्ट पर केंद्र और राज्य के बीच टकराव की स्थिति दिख रही है. दोनों की रिपोर्ट एक दूसरे से मेल नहीं खा रही है. मामले पर एनजीटी में बुधवार को सुनवाई हुई. जिसमें UPPCB ने CPCB रिपोर्ट का विश्लेषण करने के लिए समय मांगा है. अब इस मुद्दे की गूंज सदन में भी सुनाई दो रही है. बुधवार को सीएम योगी ने इस विषय को लेकर सदन में अपनी बात रखी.

CM Yogi

संगम का जल स्नान और आचमन करने लायक

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट पर सीएम योगी ने कहा कि “संगम का जल स्नान और आचमन करने लायक है. उन्होंने आगे कहा कि, “पॉल्यूशन कंट्रोल रूम संगम पर लगातार काम कर रहा है. संगम के जल को लेकर दुष्प्रचार किया गया. महाकुंभ पर अफवाह फैलाई जा रही. 56 करोड़ लोगों की आस्था से खिलवाड़. 56 करोड़ से अधिक लोगों ने पवित्र स्नान किया है.”

डबल इंजन या डबल इंफेक्शन?

वहीं इस मुद्दे को लेकर सपा नेता शिवपाल यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने X पर लिखा है कि ‘महाकुंभ में गंगा स्नान से पहले पानी शुद्ध करने के सरकारी दावों की पोल खुल गई! CPCB रिपोर्ट कहती है कि पानी में फीकल बैक्टीरिया तय सीमा से ज्यादा है. अब भक्त सोच रहे हैं – ये “डबल इंजन सरकार” है या “डबल इंफेक्शन सरकार”?’