बिलासपुर। कोविड-19 महामारी से परिवार के मुखिया की मृत्यु होने पर अनेक परिवारों को जीवन-यापन में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम ‘आशा’ और ‘स्माईल’ योजना शुरू कर रहा है.

योजना के तहत पालन-पोषण करने वाले मुखिया की मृत्यु कोरोना से होने पर परिवार को अधिकतम राशि 5 लाख रुपए का ऋण दिया जायेगा, जिसमें 20 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान शामिल होगा. योजना के लिए आवेदक को जिले का मूल निवासी होने के साथ अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा समुदाय का सदस्य होना चाहिए. आवेदक की वार्षिक परिवारिक आय 3 लाख रुपए तक होनी चाहिए. आवेदक की उम्र 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए, वहीं मृतक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

कोविड-19 द्वारा रोटी कमाने वाले की मृत्यु का प्रमाण पत्र के रूप में स्वीकार्य दस्तावेज, रजिस्टार जन्म और मृत्यु या स्थानीय नगर निकाय द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र या श्मशान या कब्रिस्तान में स्थानीय प्राधिकरण की रसीद और यदि किसी गांव में मृत्यु हुई है, तो गांव के प्रखण्ड विकास अधिकारी (बीडीओ) का पत्र भी स्वीकार किया जा सकता है.

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कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि ऋण स्वीकृत किए जाने की स्थिति में आवेदक के ऋण के बराबर का जमानत लगाना होगा. ऋण ब्याज दर 6 प्रतिशत वार्षिक प्रतिमाह किश्त के रूप में वसूल की जाएगी. पात्र आवेदक आवेदन पत्र प्राप्त कर 25 जून तक कलेक्टर कार्यालय, पुराना कम्पोजिट बिल्डिंग के प्रथम तल में स्थित कक्ष क्रमांक 17 जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कार्यालय में जमा कर सकते हैं.

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