रायपुर। जब भी राम की बात की जाती है तो रामानंद सागर के टीवी सीरियल रामायण की याद आ जाती है. ऐसा लगता है कि सहसा राम मुस्कुराते हुए सामने आ गए हों.. राम चरित मानस में तुलसीदास द्वारा लिखे गए दोहों की मिठास कानों में घुलने लग जाती है. लेकिन छत्तीसगढ़ में राम पर रामायण नहीं बल्कि “महाभारत” लिखी जा रही है.

चौंकिये मत हम छत्तीसगढ़ में सियासत के उस राम की बात कह रहे हैं जहां दोनों दल (कांग्रेस और भाजपा) खुद को ‘राम भक्त’ और राम को अपना-अपना बताने में लगे हुए हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम की बात करते हुए इस दौरान भाषाई मर्यादा को भी ताक पर रख दिया गया. कौशल्या और शबरी के राम के बाद मॉब लिंचिंग के राम भी बताए गए.

अब सीएम भूपेश ने राम पर हो रही राजनीतिक ‘महाभारत’ में शंखनाद कर दिया है. उन्होंने भाजपा को जमकर आड़े हाथों लेते हुए एक के बाद एक सवालों के कई तीर बीजेपी पर दाग दिये. सीएम ने कहा, “राम को अपनाना चाहते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ में हमारे पास धरोहर है वहां विकास नहीं करना चाहते. शबरी के राम सब जानते है. शबरी का मंदिर छत्तीसगढ़ में है. 15साल सरकार में रहे इन्होंने किया क्या? कौशल्या माता का मंदिर यहां है इस सरकार ने किया क्या? सिर्फ राम के नाम पर वोट लेना. छत्तीसगढ़ में राम कण-कण में रचे बसे हैं हमारे जीवन शैली में हैं और इसलिए हम यहां की संस्कृति को डवलप करेंगे.”

इसके साथ ही टीवी चैनलों में कांग्रेस के साथ डिबेट में शामिल नहीं होने के फैसले को लेकर भी सीएम भूपेश ने भाजपा को जमकर आड़े हाथ लिया है. सीएम ने कहा, “भाजपा के पास कोई जवाब नही है. इसलिए डिबेट में वो भाग नही ले रहे है. इससे स्पष्ट हो जाता है कि वो लोगों को भ्रम में डालना चाहते थे.” उन्होंने कहा, “गांधी को अपनाना चाहते है लेकिन गोडसे की निंदा नही करना चाहते.”

हालांकि अब राम पर चल रही सियासी महाभारत आने वाले दिनों में क्या मोड़ लेगा, यह तो अब वक्त ही बताएगा..

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