रायपुर। रायगढ़ में तहसीलदार-नायब तहसीलदार और अधिवक्ताओं के बीच का विवाद सुलझने की बजाए बढ़ता जा रहा है. तहसीलदारों ने जहां कामकाम बंद कर दिया है, वहीं दूसरी ओर अधिवक्ताओं ने भी मोर्चा खोल दिया है. अधिवक्ताओं को राज्य बार काउंसिल के बाद अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया का समर्थन मिला है.

बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से डीजीपी अशोक जुनेजा को पत्र लिखा है, जिसमें अधिवक्तओं के खिलाफ दर्ज गलत आपराधिक मामलों को तत्काल वापस लेने के साथ पुलिस अभिरक्षा से तत्काल रिहा करने और रायपुर व छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा अधिवक्ताओं को प्रताड़ना को बंद करने कहा है.

काउंसिल ने बताया कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में अधिवक्ता उद्वेलित हैं. हमें अधिवक्ताओं के खिलाफ पुलिस प्रताड़ना की अनेक शिकायत मिली है. अधिवक्ताओं को परेशान और प्रताड़ित किया जा रहा है, जिस पर ध्यान देते हुए अवैधानिक तरीके से गिरफ्तार किए गए अधिवक्ताओं को तत्काल रिहा करते हुए उनके खिलाफ गलत आपराधिक मामलों को तत्काल वापस लेने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का आग्रह किया है.

 

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गौरतलब है कि रायगढ़ में अधिवक्ता और तहसीलदार के बीच हुए विवाद प्रदेशव्यापी रूप ले चुका है. वाकये के बाद प्रदेशभर के तहसीलदार लामबंद होकर काम बंद कर दिया है. वहीं दूसरी ओर अधिवक्ता भी लामबंद हो चुके हैं, जिन्हें छत्तीसगढ़ बार काउंसिल के बाद अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया का समर्थन मिला है.

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