हकिमुद्दीन नासिर, महासमुंद। पांच साल पहले बनी कांक्रीट की सड़क इस वर्ष बारिश में ही जमींदोज होने के कगार पर है. मिट्टी के कटाव के कारण 15 फीट की सड़क अब महज पांच फीट में सिमटकर रह गई है. यह हाल महासमुंद जिले के ग्राम जीवतरा से कमार डेरा जाने वाली एक किमी लंबी सड़क का है. जल्द सड़क मरम्मत नहीं कराए जाने पर ग्रामीण चुनाव बहिष्कार की बात कर रहे हैं.

महासमुंद जिला मुख्यालय से महज़ 13 किलोमीटर की पूर्व दिशा में स्थित ग्राम पंचायत परसदा (ख) के आश्रित ग्राम जीवतरा की आबादी लगभग 9 सौ की है. इसी गांव से बघनई नाला गुजरता है, जिसका स्वरूप किसी नदी से कम नहीं है. जीवतरा के एक किमी की दूरी पर स्थित कमार डेरा में 10-12 परिवार के 60 लोग निवासरत है. गांव से डेरा के बीच करीबन 500 मीटर सड़क का कांक्रीटीकरण वर्ष 2018-19 में मुख्यमंत्री समग्र योजना के तहत 10 लाख 40 हजार रुपए की लागत से किया गया था.

इस वर्ष बारिश में बघनई नाले के तेज बहाव और मिट्टी के कटाव से 15 फीट की सड़क टूटकर 5 फीट में सिमट कर रह गई. सड़क की ऐसी हालत करीब 2 सौ मीटर तक है. गांव के लोगों के आवागमन के साथ ही विशेष संरक्षित जनजाति कमार समाज के कुनबे तक जाने के लिए इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. सड़क कटने की वजह से चारपहिया वाहनों का प्रवेश अवरूद्ध हो गया है, जिसके कारण अगर कमार डेरा में किसी की तबीयत खराब हो जाये तो एंबुलेंस भी कमार डेरा तक नही पहुंच पाती.

इसी रास्ते से होकर क्षेत्र के ग्रामीण अपनी खेतों तक भी पहुंचते हैं, ऐसे में ट्रैक्टर या बैलगाड़ी ले जाना भी अभी दुर्घटना का कारण बन सकता है. ग्राम जीवतरा के ग्रामीण सांसद और विधायक तक इस संबंध में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. अब ग्रामीण चैतराम साहू, बालाराम साहू समेत अनेक ग्रामीण सड़क का पुनः निर्माण नहीं कराए जाने की स्थिति में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है.

गौरतलब है कि 2018 में सड़क बनाने से पहले तटबंध बनाना जरुरी था, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण तटबंध न बनाकर केवल सड़क बना दी गई, जिसके परिणाम स्वरुप साल की पहली बारिश में ही सड़क का 75 फीसदी हिस्सा बह गया, और शासन के लाखों रुपए बर्बाद हो गए. लेकिन देखना होगा कि सड़क बह जाने के बाद अब सरकारी अमला तटबंध बनाता है, या फिर बिना तटबंध बनाए सड़क रिपेयर कर देता है.

सड़क के लिए मंगाया प्रस्ताव

इस पूरे मामले में जनपद पंचायत सीईओ निखत सुल्ताना का कहना है कि सड़क वर्ष 2018 में बनाई गई थी. इस साल हुई बारिश से सड़क को नुकसान पहुंचा है. नाले पर तटबंध बनाने मनरेगा से एवं पीचिंग व सड़क के लिए प्रस्ताव बनाकर मंगाया जा रहा है, और काम जल्द शुरू करा दिया जाएगा.