पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. धान परिवहन के दरम्यान छोटे बड़े खेल हमेशा से खेला जा रहा है. जिसका खामियाजा खरीदी करने वाले समितियों को भुगतना पड़ रहा है. घुमरगुड़ा खरीदी केंद्र से कुंडेलभांठा संग्रहन केंद्र भेजे गए 20 बोरी धान में कमी आई तो गड़बड़ी का खुलासा हुआ.

दरअसल 22 दिसम्बर को ट्रक क्रमांक सीजी 04 जे सी 7003 घुमरगुड़ा खरीदी केंद्र से 600 बोरी धान भरकर कुंडेलभांठा संग्रहन केंद्र के लिए निकला था, जो 24 दिसम्बर को पहुंचा.

खाली कराने से पहले कुंडेलभांठा में लगे एक अधिकृत धर्मकांटा में दोबारा तौल कराया गया तो केंद्र द्वारा उल्लेखित मात्रा से वजन कम पाया गया. संग्रहण केंद्र ने कम मात्रा वाले बोरी को वापस भेज दिया. जब बोरी वापस आई तब धान चोरी का खुलासा हुआ.

वहीं गोहरापदर खरीदी प्रभारी ने मामले की सूचना एसडीएम अर्पिता पाठक और ब्रांच मैनेजर दुष्यंत इंगले को दी. एसडीम के निर्देश पर नायब तहसीलदार डोनेश साहू संग्रहण केंद्र से वापस आए और बोरो का दोबारा वजन कर पंचनामा किया. 20 बोरे में 2 क्विन्टल 47 किलो मात्रा कम निकली. वाहन चालक ने अपने बयान में गड़बड़ी कबूल तो नहीं किया पर कमी की भरपाई करने की बात उसने कही है.

परिवहन के दौरान गड़बड़ी

जांच अधिकारी डोनेश साहू ने कहा कि, वापस आए 20 बोरे प्लास्टिक की रस्सी से बंधे हुए थे, जबकि खरीदी केंद्र उसे जुट के रस्सी से सिलाई कर भेजती है. इससे पहले भी निष्टिगुड़ा, दिवानमूडा, समेत गोहरापदर ब्रांच के 10 से भी ज्यादा खरीदी केंद्रों से गए धान की मात्रा में कमी आई है, जिसे संग्राहण केन्द्र वाले खरीदी केंद्रों से अतरिक्त धान मंगवा कर भरपाई किया है.

घुमरगुड़ा केंद्र के प्रकाधिकृत अधिकारी धनसिंह मरकाम ने आरोप लगाया है कि, सारा खेल संग्रहण केंद्र और परिवहन में लगे लोगों के मिलीभगत से हो रहा है. यहां ठीक-ठाक भर कर भेजने के बाद वहां जाते तक मात्रा में कमी आ रही है, इसमें बेवजह खरीदी केंद्र को जिम्मेवार बताया जाता है. धनसिंह मरकाम ने मामले की जांच करने की मांग की है.

फायदा उठा रहे परिवहन से जुड़े लोग

धान में शॉर्टेज का सारा खेल तौलाई की मान्यता वाले धर्मकांटे के आड़ में हो रहा है. खरीदी केंद्र वाले धान लोड कराने से पहले और लोड के बाद स्थानीय धर्मकांटे में अपने सामने तौल कर भेजते हैं.

हालांकि, स्थानीय तौल को मान्यता नहीं दिया गया है. खाली होने से पहले वहां मौजूद एक और धर्मकांटा में तौल किया जाता है, इस तौल में ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोग और संग्राहन केंद्र के लोग मौजूद होते हैं. इसे अधिकृत तौल बताया जाता है.

इस तौलाई मे जो भी कमी आई उसे खरीदी केंद्र वालों से भरपाई करवाने की गलत परिपाटी बनाई गई है, जबकि खरीदी केंद्र से निकलने के बाद संग्राहन केंद्र तक सही सलामत पहुंचाने की जिम्मेदारी ट्रांसपोर्टर की होती है.

अधिकृत तौलाई के गलत नियम का ही फायदा ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोग उठा रहे हैं. जबकि धान खरीदी से पहले ही खरीदी प्रभारियों ने स्थानीय धर्मकांटा को भी मान्यता देने की मांग जिला प्रसाशन से करते आ रहे हैं.

नायब तहसीलदार डोनेश साहू ने कहा, मामले में बयान पंचनामा किया गया है. वाहन चालक द्वारा गड़बड़ी पाई गई है.
आगे और जांच कर रिपोर्ट अधिकारी को सौंप दिया जाएगा.