हिंडनबर्ग मामले में अडानी को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अडानी और हिंडनबर्ग मामले में फैसला सुनाया है. तीन जजों की बेंच ने सेबी (SEBI) की जांच में दखल देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि सेबी की जांच में संदेह नहीं किया जा सकता है. सेबी के अधिकार क्षेत्र में दखल देने के लिए अदालत के पास सीमित शक्ति है. इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जांच को सेबी से एसआईटी को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अडानी-हिंडनबर्ग के 24 मामलों में से 22 की जांच पूरी हो गई है और बचे दो मामलों की जांच पूरी करने के लिए कहा है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अडानी ग्रुप के खिलाफ आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आधार पर याचिकाएं दाखिल की गई थीं. जिसमें अडानी केस की जांच एसआईटी या किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराई जाने की मांग की थी. मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 24 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिस पर आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को 3 महीने के अंदर बाकी 2 मामलों की जांच करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अदालत ने केंद्र सरकार और सेबी को नियामक ढांचे को मजबूत करने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश पर विचार करने के लिए कहा है.