अमित पांडेय, खैरागढ़. एशिया की पहली म्यूजिक यूनिवर्सिटी इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में बीते दिनों पहले पास फिर फेल की घोषणा को लेकर विवि प्रशासन ने दो जांचकर्ताओं को निलंबित कर दिया है. बता दें कि छात्रों के इस मुद्दे को लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद विश्व विद्यालय प्रबंधन हरकत में आया और बड़ी कार्यवाही करते हुए दोषी दो कर्मचारियों को निलंबित किया.

कुलसचिव प्रेमकुमार पटेल ने निलंबन आदेश में कहा है कि काउंटर फाइल में अंकों का मिलान करने के बाद उत्तर पुस्तिका में उत्तीर्ण घोषित करने निर्धारित न्यूनतम अंकों का मिलान उनके द्वारा नहीं किया गया. इसके चलते पांच परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम में गंभीर त्रुटि हुई है. संगीत संकाय के दिवाकर कश्यप और चित्रकला विभाग के विकास चंद्रा की लापरवाही के कारण परीक्षार्थियों को असुविधा हुई. वहीं समस्याओं का सामना करना पड़ा. साथ ही संगीत विवि की छवि पर भी प्रतिकृल प्रभाव पड़ा. दोनो जांचकर्ताओं का उक्त कृत्य कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही व कदाचरण का परिचय है. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 व सहपठित विवि परिनियम 21 की कंडिका 5 के उल्लंघन का आरोपी मानते हुए दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया.

पूरा मामला हिंदी साहित्य एमए प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम से जुड़ा हुआ है, जिसे 8 जुलाई को घोषित किया था. इसमें रोल नंबर 1 से लेकर 12 तक के सभी परीक्षार्थियों दीप्ति जंघेल, दिव्या ब्रम्हभट्ट, डिंपल पुलस्त्य, गायत्री वर्मा, इंदु वर्मा, मंजू धुर्वे, रोशनी देवांगन, सोनम खरे, चंद्रकांत ठाकुर, धनेश्वरी, भुनेश्वर साहू और संगम मिश्रा को उत्तीर्ण बताते हुए विषयवार नंबरों की जानकारी भी दी गई थी, लेकिन विवि प्रशासन ने 14 जुलाई 24 को दोबारा संशोधित परीक्षाफल घोषित किया, जिसमें चार परीक्षार्थियों दीप्ति जंघेल, दिव्या ब्रम्हभट्ट, डिंपल पुलस्त्य और चंद्रकांत को फेल बताया. इसके अलावा एमए अंतिम वर्ष के एक स्टूडेंट प्रकृति यादव के भी फेल होने की जानकारी दी.

मामले की जानकारी होने पर अभाविप ने कुलपति के नाम कुलसचिव प्रेमकुमार पटेल को ज्ञापन सौंपा था और परीक्षा परिणाम में त्रुटि सुधार की मांग की थी. इसके बाद परिणाम में सुधार हुआ. वहीं दोषी जांचकर्ताओं पर भी विवि प्रशासन ने संस्पेंशन की कारवाई की है.

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