सुधीर सिंह राजपूत, मिर्जापुर. देश के लोग आज चांद पर बसने की तैयारी में हैं, वहीं आज भी कुछ लोग सभ्य समाज से सरोकार रखने के बाद भी दकियानूसी रुढ़िवादी परंपराओं के बंधन से बाहर निकल नहीं पा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां अनुसूचित जनजाति के लोगों को दबंगों ने बारात के दौरान दरवाजे पर केवल खड़े होने की वजह से मारा-पीटा है. आरोप है कि शिकायत करने पर पुलिस ने भी कार्रवाई के बजाए मुंह फेर लिया है.
जानकारी के मुताबिक लालगंज कोतवाली क्षेत्र के पचोखर गांव की रहने वाली सरोजा देवी आदिवासी (कोल) बिरादरी से हैं. सोमवार को वह पुलिस अधीक्षक से मिलने पहुंची थीं. जहां उन्होंने बताया कि उनका लड़का 19 जनवरी 2025 शाम 6 बजे दरवाजे पर खड़ा था, उसी समय उनके पड़ोस के मिश्रा परिवार के लोगों ने अपशब्द कहते हुए जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया. साथ ही लड़के से कहा कि यहां क्यों खड़े हो? हमारे यहां बारात आ रही है. दरवाजे के पास खड़े होने को लेकर जब उनका लड़का बोला कि हम अपने दरवाजे पर खड़े हैं आपसे क्या मतलब है, बस इसी बात पर वह लोग घर के अंदर घुस गए. जब तक वह लोग कुछ समझ पाते इससे पहले उन लोगों ने पीड़िता (सरोज देवी) का बाल पकड़कर खींचकर लात घूसों से पिटाई कर दी.
इसे भी पढ़ें : रफ्तार का कहर : अज्ञात वाहन ने बाइक को मारी ठोकर, 24 साल के युवक की मौत, एक घायल, हालत नाजुक
बीच-बचाव करने जब पीड़िता की देवरानी सुनैना और रम्भा पहुंची तो उसे भी उन लोगों ने बाल पकड़कर घसीटना शुरू कर दिया. किसी प्रकार से उन लोगों की जान बच पाई. पीड़िता का आरोप है कि वह लोग प्रभावशाली लोग हैं. जिससे उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है. मामले की जानकारी लालगंज थाना पुलिस को भी दी गई है. पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर विपक्षीगण के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई करते हुए सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है. इस प्रकरण में पुलिस अधीक्षक ने जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें