शिवम मिश्रा, रायपुर। देश के साथ प्रदेश में भी कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है. अस्पतालों में उपचार के लिए बेड नहीं है, तो दूसरी ओर लाशों को रखने के लिए मर्च्यूरी में जगह नहीं है. ऐसे हालात में कोरोना से बचाव के लिए अहम इंजेक्शन रेमडेसीविर की किल्लत मरीजों के साथ-साथ डॉक्टरों के लिए भी भारी चिंता का विषय बना हुआ है.

डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना के मरीजों को ऑक्जीजन लेवल डाउन होने पर रेमडेसीविर का इंजेक्शन लगाया जाता है. पहले 6 इंजेक्शन लगाए जाते हैं, इसके बाद 2 और फिर 4-5 दिन का कोर्स होता है. रेमडेसीविर को अलग-अलग दवा कंपनी बनाती है. कंपनियों के हिसाब से इंजेक्शन 900 रुपए से 4000 रुपए तक का मिलता है, लेकिन कोरोना के दूसरे लहर में मरीजों की संख्या में यकायक इजाफा होने से रेमडेसीविर की किल्लत हो गई है. न तो यह मेडिकल दुकानों में मिल रहे हैं, और न ही निजी अस्पताल में. हालत यह है कि जिन दुकानों में उपलब्ध है, वहां इसको लेने के लिए लोगों के बीच मारामारी की स्थिति है.

इंजेक्शन के लिए लोगों में आपाधापी

हमारे संवाददाता ने रेमडेसीविर की किल्लत की खबरों के बीच रायपुर के व्यस्त मेडिकल कॉम्पलेक्स का दौरा किया. यकीन करना मुश्किल था कि तमाम दुकानों के बीच केवल एक ही मेडिकल दुकान में रेमेडसीविर उपलब्ध था, और वहां भी इंजेक्शन को लेने के लिए लोगों में आपाधापी मची थी. मास्क तो ठीक है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का कहीं कोई नामो-निशान नहीं था. लेने वाले भी मजबूर, दुकानदार भी मजबूर. दोष दें तो किसको दोष दें. लोग जिस कीमत में इंजेक्शन मिल रही थी बिना किसी बहस के उसे लेकर रवाना हो रहे थे, क्योंकि जब मरीज की जान बचानी तो को कीमत बेमायने हो जाती है.

चुनिंदा मेडिकल दुकानों में उपलब्ध

रेमडेसीविर इंजेक्शन के महत्व को देखते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से राजधानी रायपुर में 12 मेडिकल दुकानों में उपलब्ध कराया गया है. लेकिन इन दुकानों में भी रेमडेसीविर इंजेक्शन मिलना मुश्किल है, क्योंकि इंजेक्शन की आपूर्ति ही नहीं के बराबर है. ऊपर बात करने पर वहां से भी आपूर्ति नहीं होने की जानकारी दी जाती है. एक अनार, सौ बीमार की स्थिति में जिन मरीजों के परिजनों के पास पैसे नहीं हैं, उनके लिए इंजेक्शन अपने बल-बूते हासिल कर पाना नामुमकिन जैसा ही है.

महाराष्ट्र सरकार के संपर्क में छत्तीसगढ़

सूत्रों के मुताबिक़  तमाम दवा कंपनियों के कार्पोरेट ऑफिस महाराष्ट्र में है, ऐसी स्थिति में बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने इन दवा कंपनियों पर रेमडेसीविर की आपूर्ति को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार सहयोग की उम्मीद की है सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ की ओर से  मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव ने महाराष्ट्र सरकार के नुमाइंदो से रेमडेसीविर की उपलब्धता को लेकर चर्चा की है. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से सहयोग करने का आग्रह किया है, जिससे कोरोना संक्रमितों की जान बच सके.

देखिए वीडियो :

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