Holi News : दक्षिण भारत में होली मुख्य रूप से भक्ति और पौराणिक कथाओं से जुड़ी होती है। यहाँ उत्तर भारत की तरह ज़ोरदार रंगों की होली कम देखने को मिलती है, लेकिन पूजा, भजन, और पारंपरिक उत्सवों के रूप में इसे बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। लेकिन फिर भी यह त्यौहार श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालाँकि, कुछ शहरी क्षेत्रों में रंगों की होली भी देखने को मिलती है।दक्षिण भारत में होली पर खास व्यंजन बनाए जाते हैं, जिनमें पायसम (चावल और दूध से बनी मिठाई), पूरन पोली (स्वीट पराठा), और अन्य पारंपरिक मिठाइयाँ शामिल होती हैं। कुछ क्षेत्रों में लोक नृत्य और संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहाँ लोग पारंपरिक वेशभूषा में त्योहार का आनंद लेते हैं।

तमिलनाडु – कामन पंडिगई

तमिलनाडु में होली को “कामन पंडिगई” के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव और कामदेव की कथा से जुड़ा हुआ है। इस दिन लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं और कामदेव के बलिदान की कहानी को याद करते हैं। कुछ जगहों पर लकड़ी और घास जलाकर “कामा दहन” किया जाता है।

कर्नाटक – कामना हब्बा

यहाँ होली को “कामना हब्बा” कहा जाता है। लोग शिव मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं।होलिका दहन के समान, लकड़ियों और सूखे पत्तों को जलाकर “कामा दहन” किया जाता है। कुछ शहरों में लोग एक-दूसरे को हल्के रंग या गुलाल लगाते हैं, लेकिन यह उत्तर भारत की तरह भव्य नहीं होता।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना – कामुनी पंडुगा

यहाँ होली को “कामुनी पंडुगा” कहा जाता है। यह त्योहार भी शिव और कामदेव की कथा से जुड़ा है।भगवान शिव और पार्वती की विशेष पूजा होती है।कुछ जगहों पर रंगों से होली खेली जाती है, लेकिन यह सीमित क्षेत्रों में होती है।ग्रामीण क्षेत्रों में लोक नृत्य और संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

केरल – मनुष्य पूजा

केरल में होली का उत्सव बहुत अधिक नहीं मनाया जाता। कुछ क्षेत्रों में यह “मनुष्य पूजा” या भगवान विष्णु की आराधना के रूप में मनाया जाता है मंदिरों में विशेष पूजा और कीर्तन किए जाते हैं।त्रिशूर और कोच्चि जैसे कुछ शहरी क्षेत्रों में उत्तर भारतीय समुदाय के लोग रंगों से होली मनाते हैं।