हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश का मिनी बॉम्बे इंदौर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। प्रशासन के इस प्रयास के बीच शहर के चौराहे पर ही भिक्षुक नजर आ रहे हैं। वहीं अब इंदौर कलेक्टर ने नोटिस जारी कर कहा कि जो भी बाल भिक्षुक की जानकारी देगा उसे इनाम दिया जाएगा।
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दरअसल इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने भिक्षुक मुक्त अभियान चलाने के लिए टीम का गठन किया है। इसके तहत अलग-अलग टीम एनजीओ के साथ मिलकर कार्रवाई करती नजर आ रही है। लेकिन अभी प्रशासन का डर भिक्षुकों में नजर नहीं आ रहा है। ऐसा ही एक नजारा इंदौर के कलेक्टर ऑफिस के पास स्थित चौराहे का दिखा। जहां पर एक छोटे बच्चों को लेकर एक महिला भिक्षावृत्ति करती नजर आ रही है।
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने आज टीएल बैठक में निर्देश जारी किए हैं कि, जहां पर भी आम लोगों को छोटे बच्चे भिक्षावृक्ति करते नजर आते हैं। तो उनका फोटो खींचकर वह प्रशासन द्वारा जारी किए जाने वाले नंबर पर भेजेंगे। तो उन्हें एक हजार रूपए का पुरस्कार भी दिया जाएगा। इसके साथ ही लगातार जानकारी देने पर प्रशस्ति पत्र भी जिला प्रशासन की तरफ से दिया जाएगा। लेकिन तमाम कोशिशें के बावजूद भी भिक्षुक प्रशासन से डरते नजर नही आ रहे हैं। और ना ही भिक्षावृत्ति करने से पीछे नजर आ रहे हैं।
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पिछले दिनों भिक्षावृक्ति करती पकड़ी गई महिला के पास से ढाई लाख रुपए मिले थे। जिसके बाद महिला ने NGO के लोगों से कहा था कि ढाई लाख रुपए महीने की नौकरी क्या प्रशासन हमें दिलवा पाएगा। इससे जाहिर होती है कि भिक्षुक की दिनभर की कमाई एक आम आदमी की सैलरी से ज्यादा होती है। अब देखना होगा प्रशासन के भिक्षुक मुक्त अभियान कितना असरदार साबित होता है।
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