ग्वालियर, कर्ण मिश्रा। शहर की हवा जहरीली हो गयी है। मध्य प्रदेश के सात शहरों में ग्वालियर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित पाई गई है। केंद्रीय और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्यशाला में इसका खुलासा हुआ है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत प्रदेश के सात शहरों की वायु गुणवत्ता की समीक्षा के दौरान यह खुलासा हुआ है। समीक्षा के दौरान इस बात की चिंता भी जाहिर की गई है कि ग्वालियर में समय रहते हालत नहीं सुधरे तो दिल्ली जैसे हालात बन सकते है।
MP में इंदौर, ग्वालियर, भोपाल ,जबलपुर, सागर, देवास और उज्जैन को एयर पॉल्युशन कम करने NACP के तहत फंड जारी हुआ है। इस प्रोग्राम के तहत काम किये जाने के बाद भी इंदौर को छोड़ सभी शहरों की स्थिति खराब बनी हुई है। केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय बीते 5 साल से NCAP पर काम कर रहा है।
विभागों ने मैदानी स्तर पर कुछ नहीं किया
ग्वालियर में तेजी से बढ़ रहे वायु प्रदूषण के पीछे कई अलग-अलग कारण सामने आ रहे हैं जिनमें कई जगह सड़क की स्थिति खराब होना सबसे बड़ा कारण है। ग्वालियर की भौगोलिक स्थिति के चलते भी यहां पर धूल अधिक होने से वायु प्रदूषण अधिक रहता है। इस वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्लान भी तैयार किया गया है लेकिन उसे पर अमल नहीं किया जाता। सभी विभागों को जिम्मेदारी भी बांटी गई है लेकिन विभागों ने मैदानी स्तर पर कुछ नहीं किया।
ये प्रमुख कारण जो ग्वालियर की हवा को बना रहे जहरीली
- शहर में कचरा जालना
- वाहन से होने वाला वायु प्रदूषण
- लगातार निर्माण कार्य के दौरान नियमों का पालन न करना
- बदहाल सड़कों से उड़ने वाली धूल मिट्टी का हवा में मिलना
गौरतलब है कि ग्वालियर के एयर पॉल्यूशन को काम करने के लिए आईआईटी कानपुर से सुझाव लिए गए थे। लेकिन उन सुझावों के मिलने के बावजूद भी उसे पर जिम्मेदार अधिकारियों ने धरातल पर काम शुरू नहीं किया यही वजह है कि अब ग्वालियर के वायु प्रदूषण की स्थिति दिल्ली के वायु प्रदूषण जैसी होने की संभावना बन गई है। जिसका खामियाजा शहर वासियों को अपने स्वास्थ्य पर पढ़ रहे बुरे असर से भुगतना पड़ रहा है।
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