लखनऊ. यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का पांचवां और अंतिम दिन है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने संबोधित किया. अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अपनी मर्जी का डीजीपी तक नहीं बना पा रहे हैं. क्या झगड़ा है, हमें नहीं पता, आप बताइये. दुर्दशा के लिए मंत्री जिम्मेदार नहीं हैं. वह तो अभी-अभी मंत्री बने हैं. साढ़े 6 साल से मुख्यमंत्री बिजली देख रहे हैं. बिजली का पूरा सत्यानाश कर दिया गया.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि परिवारवाद की शुरुआत आपने की थी. लोकसभा सदस्य बने, मठ के अध्यक्ष भी बने. हमने देखा गोरखपुर में VC का क्या सम्मान है. प्रदेश में सांड की टक्कर से लोगों की मौत हो रही है. जिनकी जान गई उनकी मदद ही कर दीजिए. कांवड़ियों की जान गई, परिवार वाले परेशान हैं. आपके अधिकारी मां-बेटी को जिंदा मार आए. ताजिया ले जा रहे लोगों की मौत हुई. बिना जाति-धर्म देखे मदद करनी चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नेता सदन सिर्फ कागजों पर पेड़ लगाते हैं. अभी तक 133 करोड़ पेड़ लगा चुके हैं. कहीं ऐसा तो नहीं टमाटर के पौधे लगा दिए. पेड़ लगाए होते तो शायद जंगल दिख रहा होता. उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि नफरत, महंगाई, बेरोजगारी से भाजपा की सरकार पहचानी जाती है. आज इनकी पहचान नफरत से है.
अखिलेश ने कहा कि सरकार 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का दावा करती है. लेकिन बिना किसान के ये कैसे संभव होगा. बरसात में जलभराव को लेकर खड़ी हुई समस्याओं को लेकर सपा प्रमुख ने कहा कि गोरखपुर की गलियों में पानी भरा है. सीएम अपने शहर का जलभराव नहीं ठीक कर पाए. साढ़े 6 साल में अपने यहां ही काम नहीं करा पाए. जब सीएम अपना घर ठीक नहीं कर सकते तो दूसरों का कैसे करेंगे?
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अखिलेश यादव ने कहा कि ने किसानों की समस्या को उठाते हुए कहा कि साढ़े 6 साल में प्रदेश में कहीं नई मंडी नहीं बनी. फसलों की कीमत सरकार नहीं दे पा रही है. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि नेता सदन बताएं सरकार ने कितना आलू खरीदा, गन्ना किसानों का कितना बकाया है. आलू, चावल कितना एक्सपोर्ट हुआ यह सरकार को बताना चाहिए.
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