रायपुर. चुनावी वर्ष में प्रदेश की सभी राजनैतिक दल ने पूरी तरह कमर कस ली है.इसी क्रम में आम आदमी पार्टी भी बिल्कुल पीछे नहीं है और अब तो चुनाव तैयारियां को लेकर देश की कई मशहूर हस्तियां छत्तीसगढ़ की धरती पर पहुंच रही है. दरअसल दिल्ली सरकार के मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ ‘आप’ नेता गोपाल राय के साथ ही गौहर रजा, राम पुनियानी, सोहेल हाशमी, भाषा सिंह और संजय शर्मा छत्तीसगढ़ के ‘आप’ कार्यकर्ताओं को चुनावी राजनीति के गुर सिखाने रायपुर पहुंचने वाले हैं.

26 जुलाई से 29 जुलाई तक चंपारण में यह सभी वक्ता पार्टी की छत्तीसगढ़ इकाई के कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों को चुनावी जीत के लिए जरूरी गुर सिखाएंगे. आप के प्रदेश संयोजक डॉ. संकेत ठाकुर ने बताया कि इस सभी हस्तियों ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अपना उत्कृष्ट योगदान दिया है. समाज में इनकी अलग जगह है और चंपारण में 26 जुलाई से आयोजित होने जा रहे प्रशि​क्षण शिविर में इनके संबोधनों को सुनने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को इनके सान्निध्य का काफी फायदा मिलेगा.

वृत्तचित्रों का निर्माण भी किया…

उल्लेखनीय है कि गौहर रजा भारतीय विज्ञान एवं औद्योगिक शोध परिषद यानी सीएसआईआर के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक रहे हैं. विज्ञान के साथ ही उनकी रुचि साहित्य में भी है. उन्हें उर्दू के कुछ चुनिंदा उम्दा शायरों में शुमार किया जाता है. ठाकुर ने बताया कि वे  सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं और उन्होंने कई गंभीर विषयों पर वृत्तचित्रों का निर्माण भी किया है. आम जनता को विज्ञान विषयों की समझ विकसित करने में वह लगातार अपनी मदद देते रहे हैं. वर्ष 2008 में शहीद भगत सिंह की जीवनी पर उनके द्वारा बनाई गई फिल्म ‘इन्किलाब’ और ‘जंग-ए-आजादी’ को आलोचकों ने जमकर सराहना की थी.

इनकी किताबें रहीं है चर्चित…

उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने वाले अन्य वक्ता राम पुनियानी आईआईटी मुंबई के पूर्व प्रोफेसर हैं. इन दिनों वह अपने लेखन के जरिए भारतीय लोकतंत्र और यहां की सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत हैं. उनकी कलम सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ सटीक निशाना साधती है और गंभीर सवाल उठाती रही है. सेज प्रकाशन से छपी उनकी किताब फैक्ट्स वर्सस मिथ्स और कल्पज प्रकाशन से छपकर आई कंटूअर्स आॅफ हिंदू राष्ट्र काफी चर्चित रही थी. इनके साथ ही उन्होंने कई अन्य किताबें भी प्रकाशित करवाई है. वह सांप्रदायिकता पर जन पंचाट के सदस्य रहे हैं और हिंसक घटनाओं के खिलाफ मुखर लेखक के तौर पर जाने और माने जाते हैं. वर्ष 2006 में उन्हें इंदिरा गांधी नेशनल इंटिग्रेशन अवाॅर्ड से नवाजा गया था.

छात्र राजनीति में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया…

संकेत ठाकुर ने सोहेल हाशमी के बारे में बताते हुए कहा कि सोहेल हाशमी इतिहासकार और अकादमीशियन के रूप में देश की अग्रणी हस्तियों में स्थान रखते हैं. उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में लोगों को इतिहास दर्शन यात्रा पर ले जाने के लिए अधिक जाना जाता है. यह यात्राएं भारतीय नागरिकों के मन में अपनी धरोहरों के प्रति गर्व के भाव भरती हैं और इनकी चर्चा देश की सीमाओं के बाहर भी होती रही है. सोहेल हाशमी ने जेएनयू की छात्र राजनीति में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान भारत में लगाए गए आपातकाल के दौरान उन्हें जेल में भी काफी वक्त गुजारना पड़ा था.

नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र से संबद्ध…

वहीं चंपारण में लगनेवाले ‘आप’  कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करने वाले वक्ताओं में शामिल भाषा सिंह पेशे से पत्रकार और नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र से संबद्ध लेखिका हैं. इन्सानों से इन्सानों का मल साफ करवाए जाने के विरोध में हिंदी में लिखी उनकी किताब ‘अदृश्य भारत’ वर्ष 2012 में प्रकाशित हुई. इस किताब के बाजार में आते ही इस विषय पर नए सिरे से एक नया विमर्श शुरू हो गया. वहीं, पेंग्विन प्रकाशन द्वारा वर्ष 2014 में प्रकाशित उनकी अंग्रेजी किताब ‘अनसीन’ ने भी सबका ध्यान आकर्षित किया. उनकी पत्रकारिता खास तौर पर उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में रहने वाले लोगों के जीवन की समस्याओं और उनके संघर्षों पर केंद्रित रही है. राजनीति, दलित, लैंगिक समानता, अल्पसंख्यकों के अधिकार और परमाणु संयंत्रों की जमीनी हकीकत के बारे में उनके विमर्श हमेशा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रहे हैं.

इन हस्तियों के साथ ही नुक्कड़ नाटकों के जरिए समाज को विभिन्न ज्वलंत मुद्दों के बारे में जागरूक करने वाले संजय शर्मा भी शामिल होंगे. वह 1990 के दशक से इस क्षेत्र में सतत काम करते आ रहे हैं. वह आम आदमी को दिलचस्प और संक्षिप्त नाटकीय प्रस्तुतियों के माध्यम से महत्वपूर्ण सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों के बारे में जागरूक करते हैं. उन्होंने रंगमंचीय कलाकार के रूप में भी अपनी स्पष्ट छाप छोड़ी है. इसके साथ ही वह भारत ज्ञान-विज्ञान समिति, दिल्ली साक्षरता समिति, सहमत और अनहद जैसे संगठनों के सक्रिय सदस्य भी हैं.

आप के छत्तीसगढ़ प्रवक्ता उचित शर्मा ने बताया कि प्रदेश पार्टी इकाई के कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए इन हस्तियों का रायपुर आना ही यह बताने के लिए काफी है कि यह पार्टी देश की अन्य राजनीतिक पार्टियों से बिल्कुल अलग है. यह तय है कि पिछले 15 वर्षों से रमन सिंह सरकार के दमन की चक्की अपनी पीठ पर लादकर चल रहे छत्तीसगढ़ को आम आदमी पार्टी की सेवाओं की सर्वाधिक जरूरत है.