नई दिल्ली। क्या इतिहास को झुठलाया जा सकता है? क्या सच को पसंद नापसंद के आधार पर नकारा जा सकता है? आप कहेंगे नहीं, लेकिन पं. दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशताब्दी पर निकाली गई सामान्य ज्ञान की किताब कह रहा कि सच को भी किस तरह से झूठलाया जा सकता है वो पंसद और नापंसद के आधार पर.  जी हां  भारतीय जनता पार्टी ऐसा कर रही है और इसके बारे में विस्तार से आप पं.दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर प्रकाशित सामान्य ज्ञान की किताब में पढ़ सकते हैं।

 

दरअसल भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह समिति का गठन किया था, और इसी समिति ने  इसी समिति की ओर से सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया है. समिति की ओर से पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता 2017 से एक पुस्तिका भी प्रकाशित की है. यह पुस्तिका लाखों की संख्या में स्कूली बच्चों को बांट दी गई है.

सामान्य ज्ञान की इस पुस्तिका में भारत के इतिहास से जुड़ी कई बातों का जिक्र है. लेकिन सबसे खास बात ये कि पुस्तिका से कांग्रेस के नेता जिन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया है प्रथम रहें वे सब गायब है. 70 पेज की इस पुस्तिका में पेज नंबर 34 पर एक चैप्टर है. भारत में प्रथम शीर्षक नाम से. इसके अंतर्गत भारत के प्रथम जो भी रहें है उनके नाम का जिक्र है, लेकिन नेहरू-गांधी परिवार का जिक्र नहीं है.

यही नहीं भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी ज़िक्र इस चैप्टर में नहीं है. ये और बात है कि भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी नाम जरूर शामिल है.

इसी तरह पेज नंबर 7 पर हमारे महापुरुष शीर्षक चैप्टर है. इसमें महापुरुषों की सूची में स्वामी विवेकानंद,भीमराव अंबेडकर, गुरु गोविंद सिंह, बिरसा मुंडा, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, नानाजी देशमुख, मदनमोहन मालवीय, डॉ हेडगेवार, वीर सावरकर, कबीर दास, पटेल और लक्ष्मीबाई के नाम हैं. लेकिन महात्मा गांधी के नाम का जिक्र नहीं और ना ही पूरी पुस्तिका में कहीं भी महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता बताया गया है.

इसी पुस्तिका में खास बात ये है कि पेज नंबर 39 पर किसने क्या कहा एक स्तंभ है. लेकिन यहां भी नेहरू-गांधी परिवार को जगह नहीं मिली है.  इतिहास पुरुष के  रूप में इसमें महात्मा गांधी, तिलक, शास्त्री के अलावा श्याम लाल गुप्ता, बोस और दयानंद के नाम हैं. यह सूची आगे बढ़ती है जहां युधिष्ठिर और दुर्योधन को भी महापुरुषों में शामिल किया गया है. साथ ही वेद व्यास, चाणक्य नीति, पंचतंत्र और जातक कथा के भी कथन शामिल हैं.

वहीं पुस्तिका के पृष्ठ क्रमांक 41 में आरएसएस के अनुशांगिक संगठन भारतीय मजदूर को संघ को भारत का सबसे बड़ा संगठन बताया गया है. आगे का सामान्य ज्ञान पूरी तरह से मोदीमय है. सम-सामयिकी शीर्षक के तहत पहला ही बिंदु कहता है- मेक इन इंडिया का नारा किसने दिया? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. और फिर आगे का सामान्य ज्ञान मोदी सरकार की योजनाओं के नामों पर केंद्रित है.