झारखंड हाईकोर्ट(Jharkhand Highcourt) ने CGL परीक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की, जिसके परिणामों को प्रकाशित करने पर लगाई गई रोक हाईकोर्ट के अगले आदेश तक जारी रहेगी. सरकार ने चीफ जस्टिस एमएस रामाचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की बेंच में कहा कि मामले की प्राथमिकी दर्ज कर CID जांच की जा रही है. मोबाइल सहित कुछ डिजिटल साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट 4 सप्ताह में मिलेगी. बेंच ने राज्यों को चार सप्ताह के भीतर जांच से जुड़ी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी.

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साथ ही, जांच कर रही एसआईटी को अब तक 54 अलग-अलग सबूत मिले हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि परीक्षा के पेपर लीक हुए हैं या नहीं. एसआईटी ने आम लोगों से विज्ञापन जारी करके पेपर लीक से संबंधित सबूत देने की अपील की थी, जिसके परिणामस्वरूप कुल 54 सबूत टीमों को मिले, जिसमें से 30 शिकायतें वाट्स एप से और 24 शिकायतें ईमेल से मिली हैं.

अब तक की जांच में जो चौंकाने वाली बात सामने आई है, वह यह है कि जांच को शक के दायरे में लाने के लिए एक साजिश रची गई थी. शिकायतकर्ताओं ने सीआईडी की एसआईटी को पांच मोबाइल दिए, जो सभी को एफएसएल जांच के लिए दिए गए. अब तक की जानकारी बताती है कि मोबाइल का समय बदलकर पेपर लीक से जुड़ी तस्वीरों की टाइमलाइन बदलकर बनाई गई थी.

यह मुद्दा उठाने वाले छात्र नेता देवेंद्र महतो ने कहा कि सीजीएल रिजल्ट पर पूरे राज्य का ध्यान है, जिसमें एसआईटी को भी सबूत दिए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि परीक्षा में व्यापक धांधली हुई है और सरकार को छात्रों का विश्वास बचाने के लिए दोबारा परीक्षा करानी चाहिए.

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उन्होंने दावा किया कि बहुत से विद्यार्थी ऐसे चुने गए हैं कि अगर दोबारा उसी तरह के प्रश्न दिए जाएं तो सॉल्व नहीं कर पाएंगे. वे कहते हैं कि 22 सितंबर की परीक्षा में करीब 80 प्रतिशत विद्यार्थियों का चयन कैसे हुआ है और विद्यार्थियों का स्थान क्यों नहीं चेक किया गया है.

शिकायतकर्ताओं के बयान में आया संदेह

जांच में शामिल अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ताओं से पूछताछ की गई और उनसे पूछा गया कि जिस युवक के हाथ में लीक हुआ पेपर था, उसके मोबाइल पर एक फोटो क्यों नहीं था? छात्रों ने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया. एसआईटी ने इसे संदिग्ध माना और मामले की गहन जांच जारी है.

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साथ ही, एसआईटी ने गिरफ्तार किए गए मोबाइल को एफएसएल में भेज दिया है, जहां से रिपोर्ट मिलने के बाद ही मामले में कोई ठोस कार्रवाई की जा सकेगी. बता दें कि एसआईटी हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर रहा है.

आपको बता दें कि हाईकोर्ट के 17 दिसंबर 2024 के आदेश के आधार पर डीजीपी की पहल पर एसआईटी की जांच चल रही है. अब तक एसआईटी को 54 शिकायतें मिली हैं. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि 21 और 22 सितंबर 2024 को सीजीएल की परीक्षा में धांधली हुई थी. 16 दिसंबर 2024 को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का विरोध करने पर छात्रों को जेएसएससी कार्यालय के पास लाठीचार्ज किया गया, जो पूरे विधानसभा चुनाव के दौरान चर्चा में रहा.