नई दिल्ली.  शराब कारोबारी विजय माल्या के देश छोड़कर भागने के मामले में अब राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने भी वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा है. स्वामी ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए इस मामले पर अपनी बात रखी और वित्त मंत्री की भूमिका को सवालों के घेरे में लिया. उन्होंने कहा कि इस तथ्य को खारिज नहीं किया जा सकता कि माल्या ने संसद के सेंट्रल हॉल में वित्त मंत्री को लंदन जाने के बारे में बताया था.

इसके अलावा स्वामी ने कहा, ‘माल्या के खिलाफ लुक आउट नोटिस 24 अक्टूबर, 2015 को हल्का किया गया और इसके स्टेटस को ‘ब्लॉक’ से ‘रिपोर्ट’ कर दिया गया. इससे माल्या को 54 जांचे गए सामानों के साथ देश से बाहर जाने में आसानी हुई.’

बता दें कि बुधवार को माल्या ने एक बयान देकर भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी. माल्या ने कहा कि वह भारत छोड़ने से पहले वित्तमंत्री से मिलकर आए थे. उन्होंने कहा कि वह सेटलमेंट को लेकर वित्त मंत्री से मिले थे. इसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ब्लॉग लिखकर बताया, ‘विजय माल्या ने कहा कि वह भारत छोड़ने से पहले सेटलमेंट ऑफर को लेकर मुझसे मिले थे. तथ्यात्मक रूप से यह बयान पूरी तरह झूठ है. 2014 से अब तक मैंने माल्या को मुलाकात के लिए कोई अपॉइंटमेंट नहीं दिया है, ऐसे में मुझसे मिलने का सवाल ही नहीं उठता.’

हालांकि कुछ देर बाद विजय माल्या ने सफाई देते हुए कहा, ‘मैंने संसद में उनसे (जेटली से) मुलाकात की थी और उन्हें बताया था कि मैं लंदन के लिए निकल रहा हूं. उनके साथ मेरी कोई अधिकारिक मुलाकात नहीं हुई. इसके बाद समय के साथ मैंने संसद में कई सहयोगियों से मुलाकात की और अपने बकाए को सेटल करने की इच्छा के बारे में बताया.’

ये है पूरा मामला

माल्या बोला- देश छोड़ने से पहले जेटली से मिला, वित्त मंत्री ने कहा- संसद में साथ हो लिए थे

बैंकों के 9000 करोड़ रुपए के कर्जदार विजय माल्या ने बुधवार को बड़ा खुलासा किया. प्रत्यर्पण मामले पर सुनवाई के लिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में आए माल्या ने कहा, ‘‘भारत छोड़ने से पहले सेटलमेंट ऑफर लेकर  वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था.’’ माल्या 2 मार्च 2016 को लंदन भाग गया था. इस दावे पर जेटली ने कहा कि माल्या मिले नहीं थे, संसद के गलियारे में उनके साथ हो लिए थे. जेटली की तीखी प्रतिक्रिया के बाद माल्या भी अपनी बात थोड़ी हल्का करता दिखा. उसने कहा कि इस मुद्दे पर विवाद खड़ा करना उचित नहीं है. यह कोई औपचारिक मुलाकात नहीं थी. उसका बस वित्त मंत्री से सामना हो गया था.

सेटलमेंट का दोबारा ऑफर रखा था : उधर, माल्या के प्रत्यर्पण पर लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई. माल्या का प्रत्यर्पण होगा या नहीं, इस पर कोर्ट 10 दिसंबर काे फैसला सुनाएगा. कोर्ट पहुंचे माल्या से पत्रकारों ने पूछा था- क्या देश छोड़ने के लिए उन्हें कोई संकेत मिला था. माल्या ने कहा, मेरी जेनेवा में एक बैठक थी. जाने से पहले मैं वित्त मंत्री से मिला. बैंकों के साथ सेटलमेंट का ऑफर दोबारा रखा. बयान पर विवाद बढ़ने के बाद माल्या ने कहा- मुझसे पूछा गया था कि मैंने भारत किन हालात में छोड़ा. मैंने बताया कि मैं संसद में जेटली से मिला था और बताया कि मैं लंदन जा रहा हूं. ये कोई औपचारिक मुलाकात नहीं थी.

माल्या को कोई अपॉइंटमेंट नहीं दिया : जेटली ने कहा, “मुझसे मिलने संबंधी माल्या का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है. 2014 से अब तक मैंने माल्या को कभी कोई अपॉइंटमेंट नहीं दिया. ऐसे में मुझसे मिलने का सवाल ही नहीं उठता.” वित्त मंत्री ने यह भी कहा, “माल्या राज्यसभा सदस्य थे. ऐसे ही एक अवसर का उन्होंने दुरुपयोग किया. मैं सदन से निकलकर अपने कमरे में जा रहा था. इसी दौरान वह साथ हो लिए. चलते-चलते कहा कि मैं सेटलमेंट की पेशकश कर रहा हूं. उनकी पहले की झूठी पेशकशों का मुझे पता था. उन्हें बात आगे बढ़ाने से रोकते हुए मैंने शिष्टता से कहा कि मेरे साथ बात का कोई मतलब नहीं है. यह पेशकश बैंकों के सामने करें.”

माल्या को बैरक का वीडियो भी दिखाया : भारत में बैंकों के साथ करीब नौ हजार करोड़ रु. की धोखाधड़ी के आरोपी माल्या को कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारतीय अधिकारियों ने मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 का एक वीडियो दिखाया. प्रत्यर्पण की स्थिति में माल्या को यहीं रखा जाएगा. बैरक के बारे में पूछा तो माल्या ने कहा- यह काफी प्रभावशाली है. माल्या के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत मामला चल रहा है. ईडी ने नए कानून के तहत माल्या को भगोड़ा घोषित करने और 12,500 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त करने की मांग की थी.