संतोष तिवारी,जगदलपुर. पुलिस आरक्षक के ट्रांसफर के बाद क्वार्टर खाली करने के निर्देश से गुस्साई पत्नी ने फांसी लगाकर खुदकुशी करने की कोशिश की है. लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा महिला को समय रहते बचा लिया गया. उसे तत्काल एंबुलेंस में मेडिकल कॉलेज ले जाया गया यहां उसका इलाज जारी है. पुलिस आंदोलन में फैमिली के शामिल होने के आरोप में 15 पुलिसकर्मियों का तबादला धुर नक्सली इलाके में कर दिया गया है. इसके बाद शनिवार को उनको क्वार्टर खाली करने के निर्देश भी दे दिए गए थे.

प्रदेश में अभी पुलिस के परिजनों के द्वारा मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी को लेकर बस्तर एसपी डी श्रवण ने 2 दिन पहले 15 पुलिस आरक्षकों का ट्रांसफर कर दिया. जिसके बाद सभी को घर तक खाली करने के निर्देश दे दिए गए. जिसके बाद आरक्षक विनोद यादव की पत्नी प्रेमा अपनी देवरानी को साथ में लेकर बस्तर एसपी से मिलने के लिए पहुंची.

उन्होंने कहा कि पुलिस आंदोलन में उनके पति और उनका परिवार कोई भी शामिल नहीं था. फिर भी उन्हें जबरन फसाया जा रहा है. आरक्षक की पत्नी ने बताया कि अगर कहीं भी वीडियो में आरक्षकों के परिजन दिखाई देते है तो उनके पतियों को नौकरी से निकल दिया जाए. लेकिन फिर भी उनके पति का ट्रांसफर कर जबरन घर खाली करवाया जा रहा है. अधिकारी इतना सब कहने के बाद महिला घर आई और सुसाइड करने की कोशिश की.

वहीं दूसरी तरफ पुलिस आरक्षक की पत्नी के कथित तौर पर खुदकुशी किए जाने के मामले का खंडन करते हुए नगर पुलिस अधीक्षक सीदार ने कहा है कि ऐसी कोई बात नहीं है जो कि सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. इसके बाद महिला का शरीर ठंडा होने लगा तो उसे एंबुलेंस में मेडिकल कॉलेज ले जाया गया यहां उसका इलाज जारी है. फिलहाल अभी वो खतरे से बाहर हैं.