रायपुर। एनसीईआरटी ने अपनी भारतीय भाषाओं का शिक्षण नाम की पुस्तक में शिक्षा कर्मियों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। पुस्तक में लिखा है कि शिक्षाकर्मियों ने तो इस पेशे को और नीचे गिरा दिया है। इस टिप्पणी से शिक्षाकर्मियों में काफी रोष है। इसे लेकर शिक्षाकर्मी संघ ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में जमकर हंगामा मचाया। संघ ने इसे आपत्तिजनक और अपमानजनक बताया है। संघ अब इस मुद्दे को लेकर बड़ा आंदोलन करने के मूड में है।

संघ के अध्यक्ष विरेन्द्र दुबे ने  lalluram.com  से बातचीत में कहा कि प्रदेश के शिक्षाकर्मी उच्च शिक्षित और प्रशिक्षित हैं। हम पिछले 22 वर्षों से सम्मान पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, सरकार से लगातार मूल पद में संविलियन की मांग करते आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है तो उसके लिए शिक्षा कर्मी नहीं सरकार और उसकी नीतियां ही सबसे बड़ी जिम्मेदार है। सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश में ऐसा आक्षेप लगा रही है।

 

क्या-क्या लिखा है पुस्तक में

शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा कर्मियों के लिए एक प्रशिक्षण का कार्यक्रम रखा गया था जिसमें उपस्थित शिक्षाकर्मियों को जो पुस्तिका बांटी गई।

उसमें से एनसीईआरटी की भारतीय भाषाओँ का शिक्षण नाम की एक पुस्तक थी जिसमें शिक्षकों का प्रशिक्षण नाम के पैराग्राफ में लिखा गया है कि हमारे देश में शिक्षक-प्रशिक्षण का कार्यक्रम लगभग निराशाजनक स्थिति में है।

बी.एड के पुराने हो चुके एक साल के प्रोग्राम आज के दौर में कक्षाओं में मिलने वाली जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए शिक्षकों को तैयार नहीं कर पाते। इनके विकल्पों जैसे ‘शिक्षाकर्मी’ ने तो इस पेशे को और नीचे गिरा दिया।