रायपुर. राजधानी रायपुर में शुक्रवार को बड़ी संख्या में पुलिस ने नर्सों को गिरफ्तार किया था. उन्हें सेंट्रल जेल में बंद किया गया. लेकिन जेल में इनते लोगों को रखने की क्षमता नहीं होने की वजह से पूरी रात नर्सों को खुले आसमान में रात गुजारनी पड़ी. जेल में सिर्फ 238 नर्स को जेल के अंदर बंद किया गया. बाकी सैकड़ों लोगों को जेल के बाहर रखा गया.
जेल प्रशासन ने जेल में व्यवस्था नहीं होने की वजह से बाहर बैठी नर्सों को रिहा कर दिया. लेकिन नर्स यूनियन ने रिहाई के लिए इंकार कर दिया. बीती रात में नर्सों को बाहर ही अपनी रात गुजारनी पड़ गई. इतना ही नहीं सुबह भी आंधी तूफान और बारिश में उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई. जिसकी वजह से नर्सों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. यहां तक कि खाना और पानी भी सिर्फ जेल के अंदर बंद नर्सों को ही दिया गया. बाहर बैठी नर्सों को दोपहर और रात का खाना नहीं दिया गया. जिससे नर्स पूरी रात भर परेशान होती रही.
बता दें कि जेल में बंद नर्सों में से कई ऐसी नर्स है, जो गर्भवती, बीपी, डायबिटीज पेशेंट हैं. अपने छोटे-छोटे बच्चों घर में छोड़ कर आई हैं. इसके बावजूद भी इनके लिए कोई व्यवस्था नहीं किया गया है. ऐसे में इन नर्सों को भी बिना व्यवस्था के ही रात गुजारनी पड़ी है.
प्रशासन 20 घंटों से भी ज्यादा गुजर जाने के बाद भी सटीक आंकड़े नहीं है, कि नर्सों की कितनी गिरफ्तारी हुई है. फिर भी प्रशासन के अनुसार बताया जा रहा है कि कुल 607 गिरफ्तारी हुई है, और 238 जेल के अंदर हैं.
वहीं दूसरी ओर नर्स यूनियन का कहना है कि जेल में इस वक़्त हमारी 1500 के करीब नर्स बंद है. जिनमें 250 कारागार में और बाकी जेल परिसर में बंद हैं. तो इससे साफ तौर पर देखा जा सकता है कि पुलिस प्रशासन नर्सों को जेल में तो बंद कर रही है. लेकिन जेल में बंद इन आकड़ों का पता नहीं कर पा रही है.