रायपुर। राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बार फिर देश की राजनीति गर्म है. पिछले कुछ दिनों से इस मामले में लगातार नेताओं की बयानबाजी सामने आ रही है. अब इस मामले में आरपीआई प्रमुख और केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले भी कूद पड़े हैं. मोदी मंत्री मंडल में शामिल अाठवले ने जमीन पर एक तरफ बौद्धों का मालिकाना हक बताया है तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने उस जमीन पर मंदिर के साथ ही मस्जिद का भी निर्माण कराए जाने की वकालत की है.

अाठवले की पार्टी आरपीआई केन्द्र में एनडीए के घटक दलों में शामिल है वहीं छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं वहीं 90 में से बाकी 83 सीटों पर भाजपा को अपना समर्थन दिया है. रायपुर पहुंचे अाठवले ने राम मंदिर निर्माण लेकर संघ और भाजपा नेताओं के इतर जाते हुए कहा कि कानून को हाथ में लेकर मंदिर निर्माण करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया था उसके अनुसार विवादित जमीन में से साढ़े चार एकड़ जमीन हिन्दुओं के लिए और सवा दो एकड़ जमीन मुस्लिमों के लिए है. सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट जनवरी तक आएगा. वहां कानून हाथ में लेकर राम मंदिर बनाना ठीक नहीं है. वहां हिन्दुओ के लिए राम मंदिर और मुस्लिमों के लिए मस्जिद का निर्माण होना चाहिए.

मोदी के मंत्री का दावा है कि वह जमीन बौद्धों की है और वहां पहले बौद्ध मंदिर था. उन्होंने कहा कि वहां बौद्ध लोगों का क्लेम सबसे ज्यादा है. वहां पहले बौद्ध मंदिर था, अगर आप उत्खनन करोगे तो बौद्ध मंदिर का वहां अवशेष मिलेगा. हम इन दोनों के झगड़ों में पड़ना नहीं चाहते. कुछ बौद्धों की एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगी है और उन्होंने दावा किया है कि जमीन के असली मालिक हम लोग हैं. तुम लोग वहां क्यों झगड़ा कर रहे हैं. मूल जमीन के मालिक बुद्धिस्ट हैं ढ़ाई हजार साल पहले वहां सम्राट अशोका के साथ पूरा देश बुद्धिस्ट था तो वहां बुद्ध का ही मंदिर था.

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